Prudent Electoral Trust: वित्त वर्ष 2021-22 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने विभिन्न राजनीतिक दलों को 464.81 करोड़ रुपए का चंदा दिया। इसमें से सबसे ज्यादा 336.5 करोड़ रुपए का चंदा भारतीय जनता पार्टी को मिला। निर्वाचन आयोग (Election Commission) को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में ट्रस्ट को कॉरपोरेट घरानों सहित विभिन्न स्रोतों से 464.83 करोड़ मिले जिसमें से उसने 464. 81 करोड़ रुपए दान कर दिए।
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति, समाजवादी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस और अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस को भी चंदा दिया। कांग्रेस को ट्रस्ट से 16.5 करोड़ रुपए, आप को 15 करोड़, शिअद को सात करोड़, पीएलसी को एक करोड़ रुपए, टीआरएस को 40 करोड़, सपा को 27 करोड़, वाईएसआर कांग्रेस को 20 करोड़ रुपए और जीएफपी को 50 लाख रुपए हासिल हुए।
आर्सेलर मित्तल समूह ने दिए 135 करोड़ रुपए: 2021-22 के फंडिंग डिटेल से पता चलता है कि आर्सेलर मित्तल समूह ने ट्रस्ट में 135 करोड़ रुपए का निवेश किया है। कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ने ट्रस्ट को 45 करोड़ रुपए दिए, वहीं हीटरो ड्रग्स लिमिटेड और हीटरो लैब्स लिमिटेड ने पांच-पांच करोड़ और टॉरेंट फार्मा ने दो करोड़ रुपए दान किए।
भारती एयरटेल और उसकी सहयोगी कंपनियों ने ट्रस्ट को 52.5 करोड़ रुपए का योगदान दिया। चुनाव आयोग के साथ साझा किए गए डेटा के मुताबिक, दिल्ली एविएशन प्राइवेट लिमिटेड ने 30 करोड़ रुपए जबकि जीएमआर समूह ने लगभग 40 करोड़ रुपए दिए। डीएलएफ ने 25 करोड़ रुपए और एयरटेल ने 17.5 करोड़ रुपए का योगदान दिया।
वहीं, कई ऐसे ट्रस्ट हैं जो ज्यादातर एक ही पार्टी को फंडिंग करते हैं। आदित्य बिड़ला समूह समर्थित एबी जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2021-22 में 10 करोड़ रुपए भाजपा को भेजे। स्माल डोनेशन इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 1.93 करोड़ रुपए कांग्रेस पार्टी को भेजे जबकि इंडिपेंडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 4.81 करोड़ रुपए से आप की मदद की।
सबसे अमीर चुनावी ट्रस्ट: प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को सबसे अमीर चुनावी ट्रस्ट में से एक माना जाता है। कॉरपोरेट जगत से राजनीतिक दलों को मिलने वाला लगभग 90 प्रतिशत चंदा इसी के पास रहता है। इसे पहले सत्य इलेक्टोरल ट्रस्ट के नाम से जाना जाता था। इलेक्टोरल ट्रस्ट तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा अधिसूचित 2013 की एक योजना के तहत स्थापित किए गए हैं और अधिकांश पार्टियों के लिए एक प्रमुख फंडिंग स्रोत के रूप में उभरे हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के आंकड़ों के अनुसार, कुल 258 करोड़ रुपए से अधिक का फंड 2020-21 में सात चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को दिया गया।