OROP: मांगे पूरी नहीं होने पर आज से पूर्व सैनिक लौटाएंगे अपने पदक
वन रैंक वन पेंशन लागू करने के लिए सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पूर्व सैनिक मंगलवार से अपने पदक लौटाना शुरू करेंगे।

वन रैंक वन पेंशन लागू करने के लिए सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए पूर्व सैनिक मंगलवार से अपने पदक लौटाना शुरू करेंगे। पूर्व सैनिकों ने सरकार की अधिसूचना को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर के इस बयान के लिए उनकी निंदा की कि सारी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता।
इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट (आइईएसएम) के महासचिव गु्रप कैप्टन वीके गांधी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हमारी केवल एक मांग है जो ओआरओपी की है। सरकार ने ही प्रावधान जोड़कर मुद्दे को जटिल कर दिया। हम परिभाषा के अनुसार ओआरओपी चाहते हैं। किसी जूनियर को उसके सीनियर से अधिक पेंशन नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा- सरकारी अधिसूचना के खिलाफ हम मंगलवार से अपने पदक लौटाना शुरू करेंगे। देशभर में पूर्व सैनिक 10-11 नवंबर को अपने पदक लौटाना शुरू करेंगे। उन्होंने इस बारे में जिला मजिस्ट्रेटों को सूचित करना शुरू कर दिया है।
सरकार ने शनिवार को 24 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों और छह लाख सैनिकों की विधवाओं के लिए ओआरओपी योजना की औपचारिक रूप से अधिसूचना जारी की थी जिसे प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों ने खारिज कर दिया था। पर्रीकर ने सोमवार को दिन में कहा था कि लोकतंत्र में सभी को मांग उठाने का अधिकार है। लेकिन सभी मांगों को पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों की अधिकतर मांगों को पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार जो न्यायिक आयोग बनाने वाली है, वह पूर्व सैनिकों की समस्याओं पर विचार करेगा।
आइईएसएम के महासचिव गांधी ने कहा कि दिल्ली में मंगलवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 के बाहर पदक लौटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भीड़भाड़ वाली जगहों को चुनने का फैसला आम लोगों को इस बारे में जागरूक करने के लिए किया गया है। पूर्व सैनिकों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की और उन्हें ओआरओपी की अधिसूचना से संबंधित जानकारी दी।
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