Priyanka On Sonia Gandhi: सोनिया को महज 21 साल की उम्र में राजीव गांधी से प्रेम हो गया था। राजीव से शादी करने के लिए वो इटली से भारत तो चली आईं। लेकिन भारतीय परंपराओं को सीखने में उन्हें काफी मुश्किलें पेश आईं। वो खुद को हिंदुस्तानी संस्कृति से जोड़ नहीं पा रही थीं। अलबत्ता सोनिया ने हार माने बगैर सारी चीजों को सीखा। इंदिराजी ने इसमें उनकी मदद की।
प्रियंका गांधी ने कर्नाटक के एक प्रोग्राम में बताया कि इटली में जन्म होने की वजह से उनकी मां को भारत में दिक्कतें आई थीं। उन्हें राजनीति बिलकुल पसंद नहीं थी। प्रियंका गांधी ने बताया कि उनकी परवरिश दो साहसी महिलाओं दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी ने की है। प्रियंका ने याद किया कि जब वो आठ साल की थीं, उस वक्त उनकी दादी इंदिरा गांधी ने अपना 33 साल का बेटा खो दिया। लेकिन संजय गांधी की मृत्यु के अगले ही दिन वह देश सेवा में जुट गईं। अपनी कर्तव्य की भावना और आंतरिक शक्ति के बूते इंदिरा गांधी अंतिम सांस तक देश सेवा करती रहीं।
कांग्रेस महासचिव ने उस दर्दनाक लम्हे को भी याद किया जब सोनिया ने 44 साल की उम्र में अपने पति को खो दिया। प्रियंका ने कहा कि हालांकि उन्हें राजनीति पसंद नहीं थी। लेकिन फिर भी उन्होंने देश सेवा का रास्ता चुना। 76 साल की उम्र में आज भी देश की सेवा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया ने इंदिरा गांधी से कई अहम बातें सीखी।
इंदिरा ने सोनिया को सिखाया कि आपके जीवन में चाहे कुछ भी हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितनी बड़ी त्रासदी झेली है। ये अहम नहीं है कि आपका संघर्ष कितना मुश्किल है। महत्वपूर्ण ये है कि आपमें खड़े होकर अपने लिए लड़ने की कितनी ताकत है। घर हो या बाहर, आपको खुद के लिए लड़ना ही होगा। खुद को इतना मजबूत बनाना होगा कि हर हालात का सामना करने की ताकत आपके भीतर हो।
सीएम बोम्मई ने उड़ाया प्रियंका का मजाक
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को बेंगलुरु में प्रियंका गांधी वाद्रा के कार्यक्रम “ना नायकी” (मैं महिला नेता हूं) का उपहास उड़ाते हुए कहा कि कांग्रेस महासचिव एक ऐसी स्थिति में पहुंच गई हैं जहां उन्हें खुद यह बताना पड़ रहा है कि वह एक नेता हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पीछे कोई महिला नहीं खड़ी हो रही। इस वजह से प्रिय़ंका गांधी को खुद “ना नायकी” की घोषणा करनी पड़ी।