Republic Day Celebration: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल सिसी (Egypt President Abdel Fattah El-Sisi) गणतंत्र दिवस 2023 समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गयी है
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के इस संदेश को मिस्र के राष्ट्रपति को सौंपा है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “यह पहली बार है कि अरब गणराज्य मिस्र के राष्ट्रपति हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल-सिसी को एक औपचारिक निमंत्रण भेजा था जिसे 16 अक्टूबर 2022 को विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने मिस्र के राष्ट्रपति को सौंप दिया था।
16 अक्टूबर को मिस्र की आधिकारिक यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने काहिरा में अब्देल फत्ताह से मुलाकात की थी। इसी दौरान विदेश मंत्री ने उन्हें भारत आने का औपचारिक निमंत्रण दिया था। मिस्र 2023 में भारत की अध्यक्षता में G20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नौ अतिथि देशों में शामिल है।
पहली बार गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे मिस्र के राष्ट्रपति: दरअसल, भारत में गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) के मौके पर हर साल दूसरे देश के बड़े नेताओं को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाने की परंपरा रही है। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो साल से यह परंपरा पूरी नहीं हो पा रही थी। ऐसे में अब कोरोना (Coronavirus) का कहर कम होने के बाद भारत ने गणतंत्र दिवस 2023 के मौके पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी को बुलाने का फैसला किया है। भारत का मिस्त्र के साथ पुराना राजनीतिक और सैन्य संबंध रहा है। इस साल दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई थी।
68 साल के अब्देल फत्ताह मिस्र के पहले ऐसे नेता हैं, जिन्हें भारत द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया है। पिछले कुछ वर्षों में मिस्र और भारत के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग बढ़ा है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस साल की शुरुआत में मिस्र का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा से जुड़े कई समझौते हुए। सितंबर 2022 में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मिस्र के रक्षा मंत्री जनरल मोहम्मद जकी ने सभी क्षेत्रों में रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर साइन किया था।