President Droupadi Murmu Address To Nation: गणतंत्र दिवस (Republic Day) की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि पंथ और भाषाएं (Creeds And Languages) हमें विभाजित नहीं करतीं, बल्कि जोड़ती हैं। कहा कि किसी भी तरह का भेदभाव का हमारे समाज में कोई जगह नहीं है। महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) और लैंगिक समानता (Gender Equality) की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये अब केवल नारे नहीं रह गए हैं और विश्वास व्यक्त किया कि युवा महिलाएं “कल के भारत को आकार देने के लिए” सबसे अधिक काम करेंगी।
राष्ट्रपति ने कहा- हर जगह बढ़ रहा है महिलाओं का प्रतिनिधित्व
राष्ट्रपति ने 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान में लोगों की भागीदारी के कारण हर गतिविधि में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत का मंगल मिशन असाधारण महिलाओं की एक टीम द्वारा संचालित था, और भारत की बहनें और बेटियां अन्य क्षेत्रों में भी पीछे नहीं हैं।
बोलीं- पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना
देश की अर्थव्यवस्था के ज्यादातर क्षेत्र कोरोना महामारी के प्रभाव से उबर चुके हैं और भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के प्रति जनसामान्य के बीच विशेष उत्साह देखा जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं भी लागू की गई हैं। सर्वोदय के हमारे मिशन में आर्थिक मंच पर हुई प्रगति सबसे अधिक उत्साहजनक रही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया।
यह उल्लेख करना जरूरी है कि यह उपलब्धि, आर्थिक अनिश्चितता से भरी वैश्विक पृष्ठभूमि में प्राप्त की गई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आर्थिक वृद्धि पर इसका असर दिख रहा है। शुरुआती दौर में कोविड-19 से भारत की अर्थव्यवस्था को भी काफी क्षति पहुंची। फिर भी, सक्षम नेतृत्व और प्रभावी संघर्षशीलता के बल पर देश शीघ्र ही इससे उबर गया। अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्र अब महामारी के प्रभाव से बाहर आ गए हैं। यह सरकार द्वारा समय पर किए गए सक्रिय प्रयासों द्वारा ही संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा कि मार्च, 2020 में घोषित ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ पर अमल करते हुए, सरकार ने उस समय गरीब परिवारों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जब हमारे देशवासी कोविड-19 की महामारी के कारण अचानक उत्पन्न हुए आर्थिक व्यवधान का सामना कर रहे थे। इस सहायता की वजह से किसी को भी खाली पेट नहीं सोना पड़ा।
प्रौद्योगिकी में जीवन को बदलने की संभावनाएं
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘हमें कोविड-19 के शुरुआती दौर में यह देखने को मिला कि प्रौद्योगिकी में जीवन को बदलने की संभावनाएं होती हैं। ‘डिजिटल इंडिया मिशन’ के तहत गांव और शहर की दूरी को समाप्त करके, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को समावेशी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। दूरदराज के स्थानों में अधिक से अधिक लोग इंटरनेट का लाभ उठा रहे हैं।’’