रेलवे की एनटीपीसी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर प्रयागराज में छात्रों के प्रदर्शन का मामला गंभीर होता दिख रहा है। इस मामले को एसएसपी अजय कुमार का कहना है कि अभी तक जो जांच हुई है उसमें राजनीतिक साजिश की बात सामने आई है। वहीं छात्रों पर हुई पुलिस की बर्बरता को लेकर आपबीती सुनाते हुए एक छात्र ने कहा पुलिस ने हॉस्टल के दरवाजों और खिड़कियों को तोड़ दिया था।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रहने वाले एक छात्र ने कहा मेरा नाम आशीष सिंह है और मैं रेलवे की तैयारी कर रहा हूं। मुझे प्रयागराज आये हुए अभी एक महीने ही हुआ है। छात्र ने कहा कि हम अपने कमरे में पढ़ाई कर रहे थे। तभी जोर-जोर से पुलिसकर्मी दरवाजे को पीटने लगे। हमने दरवाजा खोला तो उन्होंने हम लोगों पर डंडे बरसाए।
पुलिस की कार्रवाई के बाद कमरों में लगा ताला: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस की इस कार्रवाई के बाद हॉस्टल के कई कमरों में ताला लग गया है और छात्र वहां से चले गये हैं। चंदौली के प्रिंस उपाध्याय ने बताया कि मैं एयरफोर्स की प्रतियोगिता की तैयारी कर रहा हूं। शाम में हमें बाहर से प्रदर्शन का शोर सुनाई दिया। हम अपने हॉस्टल के छत पर गये और प्रदर्शन का वीडियो बनाने लगे। तभी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ाना शुरू कर दिया। मौके से सभी प्रदर्शनकारी भाग गए। और पुलिस हमारे हॉस्टल में आई और छात्रों को मारने लगी।
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे छात्र सौरभ पटेल ने बताया कि हमारा रेलवे की तैयारी से कोई लेना देना नहीं है। सौरभ पटेल ने बताया कि इस लॉज में रेलवे के प्रतियोगी नहीं रहते हैं। हमने पुलिसकर्मियों से कहा भी यहां प्रदर्शन करने वाले लोग नहीं हैं। लेकिन उन लोगों ने हमारी नहीं सुनी और दरवाजे और शीशों को तोड़ने लगे।
सौरभ पटेल ने कहा कि मैं प्रशासन से निवेदन करना चाहता हूं कि जो इसके लिए दोषी हों उन्हें जरूर दंडित करें लेकिन जो निर्दोष हैं, उनपर कोई कार्रवाई ना की जाए। बता दें इस मामले में छात्रों को पीटने की तस्वीरें सामने आने के बाद छह आरोपी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।