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सारस पर गरमाई सपा और भाजपा में राजनीति

उत्तर प्रदेश में पक्षी सारस उत्तर प्रदेश की राजनीति का मुख्य केंद्र बना हुआ है ।

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सारस। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर। ( फोटो-इंडियन एक्‍सप्रेस)।

समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच इसे लेकर जुबानी जंग लगातार छिड़ी हुई है । असल में ऐसा कहा जा रहा है कि अमेठी जिले के मोहम्मद आरिफ नामक शख्स ने एक घायल सारस का साथ दिया, जिसके बाद आरिफ जहां भी जाता, वह भी उसके साथ ही जाता ।

आरिफ और सारस की दोस्ती की खबर जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लगी तो अमेठी दौरे के दौरान आरिफ से मिलने जा पहुंचे। अखिलेश यादव ने आरिफ की इस बाबत प्रशंसा की क्योंकि उन्होंने एक घायल सारस का न केवल इलाज कराया, बल्कि उसे जीवनदान भी दिया।

आरिफ सारस और अखिलेश यादव की मेल मुलाकात से जुड़ी हुई खबरें जैसे ही सामने आर्इं, वैसे ही योगी सरकार के निशाने पर आरिफ और सारस आ गए । इसके बाद राज्य के वन अफसरों ने आरिफ के यहां जाकर के उसके कब्जे से सारस पक्षी को पकड़ कर के कानपुर के चिड़ियाघर पहुंचा दिया । इसके साथ ही आरिफ को एक नोटिस भी दिया गया है जिसमें इस बात का साफ उल्लेख किया गया है कि उसने गैरकानूनी ढंग से पक्षी को अपने कब्जे में रखा था, जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध है।

अमेठी जिले के जामो ब्लाक के मंडखा गांव के आरिफ और राजकीय पक्षी सारस की दोस्ती आठ महीने पहले हुई थी। दोनों की दोस्ती बढ़ती गई। मोहम्मद आरिफ जहां भी जाते सारस पक्षी उनके पीछे-पीछे साये की तरह जाने लगा। 5 मार्च को अमेठी के एक दिवसीय दौरे पर आए अखिलेश की मुलाकात के बाद मुख्य वन संरक्षक के आदेश पर 21 मार्च को राजकीय पक्षी सारस को आरिफ से अलग कर रायबरेली के समसपुर पक्षी बिहार पहुंचा दिया गया। जहां से कानपुर चिड़ियाघर में कैद कर दिया गया।

आरिफ इस दर्द से उबर भी नहीं पाए थे कि अब वन विभाग के गौरीगंज रेंज के सहायक वनरक्षक रणवीर मिश्र की तरफ से आरिफ को नोटिस जारी कर दिया गया है । मामले की जांच कर रहे मिश्र ने आरिफ को नोटिस जारी कर पूछतांछ के लिए दो अप्रैल को 11 बजे तलब किया है। आरिफ पर वन विभाग की ओर से दी गई नोटिस को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

यह पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से साझा हो रहा है। वन विभाग की ओर से दिए नोटिस में इस बात का आरोप लगाया गया है कि आरिफ में वन अधिनियम की धारा 1972 का उल्लंघन किया है।कानपुर चिड़ियाघर के निदेशक केके सिंह ने बताया कि अभी सारस को 15 दिन के लिए पृथक किया गया है, इसलिए निगरानी करने वाले व्यक्ति के अलावा कोई भी पक्षी से नहीं मिल सकता, ना ही उसके पास जा सकता है।

अखिलेश यादव ने सारस के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि आरिफ ने बहुत अच्छा काम किया और उसकी समय पर मदद की.. इलाज कराया और उसकी जान बचाई। इसके बाद सारस उनका मित्र बन गया। सरकार को कायदे से आरिफ को सम्मानित करना चाहिए था।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा सारस पक्षी को कैद नहीं किया गया है बल्कि उसे सुरक्षित किया गया है । उनका कहना है कि अखिलेश यादव को यह बात समझनी होगी कि गाय और सारस में जमीन आसमान का अंतर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पशु और पक्षी प्रेम किसी से छुपा नहीं है।

उत्तर प्रदेश में इटावा और मैनपुरी ऐसे जिले हैं जहां सारस की सबसे अधिक संख्या पांच हजार के आसपास पाई जाती है। इसी वजह सेसमाजवादी सरकार में इटावा में सारस संरक्षण केंद्र की स्थापना का खाका तैयार किया गया था जिस पर एक करोड़ की शुरुआती राशि भी जारी कर दी गई थी जिस पर करीब 23 करोड़ के खर्च होने का अनुमान था।

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First published on: 29-03-2023 at 03:03 IST
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