India Union Budget 2023 Political Reactions: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (1 फरवरी) को साल 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। जहां बजट को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है तो वहीं सत्ता पक्ष इसे शानदार करार दे रहा है। गौरतलब है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अपना लगातार पांचवां बजट पेश किया। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट है। हालांकि विपक्षी दलों के नेताओं ने बजट भाषण पर निशाना साधा है।
नरेंद्र सिंह तोमर क्या बोले:
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये बजट बहुत ही ऐतिहासिक और भविष्य की बुनियाद को मजबूत करने वाला है। इस बजट में सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। सभी के लिए अनेक नए प्रावधान किए गए हैं। कृषि और कृषि शिक्षा का बजट इस बार करीब 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए है।
पी चिदंबरम ने क्या कहा:
वहीं कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी, असमानता या समानता जैसे शब्दों का जिक्र नहीं किया। बजट से पता चलता है कि सरकार लोगों की आजीविका, उनकी चिंताओं, अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता के बारे में परवाह नहीं करती है।
उन्होंने कहा कि इस बजट से किसे फायदा हुआ है? निश्चित रूप से, गरीब को नहीं, नौकरी की तलाश कर रहे युवा को नहीं, नौकरी से निकाले जाने वाले युवा को नहीं, करदाता को नहीं और गृहिणी को भी नहीं।
भूपेश बघेल क्या बोले:
वहीं बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “इसे निर्मला जी का निर्मम बजट कहा जा सकता है। इस बजट को चुनाव को देखते हुए बनाया गया है। इसमें किसी को कोई सहुलियत नहीं दी गई है। पहले एयरपोर्ट के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपए दिए गए और फिर उसे निलाम कर दिया गया। क्या उसी तर्ज पर रेलवे के लिए भी पैसा दिया जाएगा और उसे भी निजी हाथों में बेच दिया जाएगा”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया मोदी राज 2 का आखिरी पूर्णकालिक बजट, पक्ष ने कहा- ऐतिहासिक, विपक्ष ने साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये बजट बहुत ही ऐतिहासिक और भविष्य की बुनियाद को मजबूत करने वाला है। इस बजट में सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। सभी के लिए अनेक नए प्रावधान किए गए हैं। कृषि और कृषि शिक्षा का बजट इस बार करीब 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए है।
विपक्ष की समान विचारधारा वाली पार्टियां सदन के पटल की रणनीति तैयार करने के लिए कल सुबह 10 बजे विपक्ष के राज्यसभा कार्यालय में बैठक करेंगी।
बजट सत्र की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक कल CPP कार्यालय में होगी
बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “इसे निर्मला जी का निर्मम बजट कहा जा सकता है। इस बजट को चुनाव को देखते हुए बनाया गया है। इसमें किसी को कोई सहुलियत नहीं दी गई है। पहले एयरपोर्ट के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपए दिए गए और फिर उसे निलाम कर दिया गया। क्या उसी तर्ज पर रेलवे के लिए भी पैसा दिया जाएगा और उसे भी निजी हाथों में बेच दिया जाएगा”
भगवंत मान ने बजट को लेकर कहा कि पहले गणतंत्र दिवस से पंजाब गायब था अब देश के बजट से पंजाब गायब है। पंजाब बॉर्डर स्टेट है जिसके तहत BSF को अपग्रेड करने और राज्य के बाकी कार्य के लिए 1,000 करोड़ रुपए की मांग की गई थी लेकिन उसका कोई जिक्र नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि नई फसल पर कोई MSP नहीं दी गई। पराली जलाने की समस्या पर 1500 रुपए प्रति एकड़ केंद्र से मांगे गए थे।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बजट 2023 को लेकर कहा कि जिस तरह से पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट को बनाया है, इसका असर सभी क्षेत्रों के लोगों पर बहुत अच्छा पड़ेगा। रक्षा, रेलवे और चिकित्सा क्षेत्रों के लिए यह रिकॉर्ड बजट है।
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने(BJP) पहले कहा था कि प्रति वर्ष वे 2 करोड़ नौकरियां देंगे। सरकारी भर्तियों को भरने के लिए भी कुछ भी नहीं हुआ। गरीब, बेरोजगार के लिए इस बजट में कुछ नहीं है। बजट 2-4 राज्यों के चुनाव को देखते हुए पेश किया गया है। यह बजट नहीं इलेक्शन स्पीच है। उनकी जो भी बातें उन्होंने बाहर कही है वैसे जुमले इस बजट में डालकर इसका पुनरुच्चार (दोबारा बोला) किया है। बजट में महंगाई और मुद्रा स्फ़ीति में इज़ाफा है जिसपर ध्यान देना चाहिए था।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये बजट प्रधानमंत्री के संकल्प और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण को पूरा करने वाला बजट है। एक गौरवशाली और वैभवशाली भारत के निर्माण का बजट है। इस बजट में समाज के हर वर्ग का और हर राज्य का कल्याण निहित है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट में दिल्ली वालों के साथ फिर सौतेला बर्ताव किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट किया, '
'दिल्ली वालों के साथ फिर से सौतेला बर्ताव। दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज़्यादा इनकम टैक्स दिया। उस में से मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिये। ये तो दिल्ली वालों के साथ घोर अन्याय है।
इस बजट में महंगाई से कोई राहत नहीं। उल्टे इस बजट से महंगाई बढ़ेगी। बेरोज़गारी दूर करने की कोई ठोस योजना नहीं। शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण। स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 % से 1.98 % करना हानिकारक।'
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह देश की जनता के साथ विश्व की उम्मीदों को भी पूरा करने वाला बजट है। ये गरीबों का बजट है। नए भारत का संकल्प इस बजट में दिखाई देता है। भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया में 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बनी है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अमृतकाल का पहला बजट पीएम नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और विजनरी नेतृत्व को स्पष्ट करने वाला है। यह बजट हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था, बहुसांस्कृतिक कामकाज और युवा भारत का दर्शन कराने वाला है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जिस तरह से मध्यम वर्ग की प्रतिक्रिया आ रही है उससे पता चल रहा है कि उनमें कितना उत्साह है। वर्षों से मध्यम वर्ग का जो लंबित विषय था उसे लेकर मध्यम वर्ग प्रधानमंत्री का धन्यवाद कर रहा है।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बजट 8-9 साल से आ रहे पुराने बजट जैसा ही है। वेलफेयर स्कीम्स और सब्सिडी का जिक्र नहीं है। जनता को टैक्स प्रावधानों में छूट मिलती नहीं दिख रही। हाल में गरीबी रेखा से उबरे लोग फिर से नीचे गिर सकते हैं।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह बजट देश की वास्तविक भावना को संबोधित नहीं कर रहा है जो कि महंगाई और बेरोजगारी है। इसमें केवल फैंसी घोषणाएं थीं जो पहले भी की गई थीं, लेकिन कार्यान्वयन के बारे में क्या? पीएम किसान योजना से सिर्फ बीमा कंपनियों को फायदा हुआ किसानों को नहीं।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने बजट की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है…टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है। लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अमृतकाल का पहला बजट बहुत क्रांतिकारी है, ये समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है। विशेषकर मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है, जो टैक्स स्लैब बनाया गया है वो राहत देने वाला है। युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक सभी को इस बजट में राहत दी गई है। समाज के निम्न वर्ग को भी राहत दी गई है, पीएम आवास योजना में जो योगदान बढ़ाया गया है वो स्वागतयोग्य है। इसी से प्रेरणा लेकर हम अपने राज्य का बजट लाएंगे और लोगों को राहत देने वाला एक अच्छा बजट पेश करेंगे।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इसपर बात करेंगे जब मौका आएगा।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि मुझे लगता है अमृतकाल में ये बजट हमारा रोडमैप है। हम दुनिया में अपनी अर्थव्यवस्था को 10वें से 5वें स्थान पर ले आए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि पिछले बजट को आधार लेकर आगे बढ़ने की कोशिश की गई है। इसके अंदर अगले 25 सालों के लिए भारत कैसे आगे बढ़े उसकी नींव रखी गई है।
RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें। संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा। रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की। ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है।
सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि ये चुनावी बजट है। इसमें किसानों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है। रेलवे को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है। आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है। ये बहुत ही निराशाजनक बजट है।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने केंद्रीय बजट को सपनों का सौदागर करार दिया है। उन्होंने कहा कि बजट 2023 में कुछ नहीं है। जागने के बाद सपनों का कोई मतलब नहीं रहता। बजट में बेरोजगारी और गिरती अर्थव्यवस्था के लिए कुछ ठोस नहीं कहा गया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बजट को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह बजट मध्य वर्ग के बोनांजा है। पीएम मोदी ने कई बार समेकित विकास के लिए कहा था। यह बजट उनके वादों के मुतबिक है। बजट में महिलाओं, एससी, एसटी, ओबीसी और बुजुर्गों के लिए बेहतर प्रावधान हैं। बच्चों और किशोरों के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा का भी केंद्रीय मंत्री ने स्वागत किया।
बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने बजट भाषण पर कहा कि पहले और अब के बजट में बहुत अंतर है। पहले यूपीए के बजट में लोगों की दिलचस्पी होती थी। बिहार को लेकर बजट में निराशा हुई है। पहले रेलवे का बजट भी अलग होता था। अब तो आम बजट को भी छोटा कर दिया गया है।
बजट भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, 'भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी। भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है।'
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, 'निर्मला जी ने कहा “अमृतकाल आ गया है” बजट से कितना “अमृत” बरसेगा देखना बाक़ी है?'
बजट 2023 में क्या हो सकता है खास, क्या मिलेगी आम लोगों को राहत या कटेगी जेब? जनसत्ता डॉट कॉम के साथ देखिए एक्सपर्ट्स की राय।
वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने जानकारी दी, “आज सुबह 11 बजे वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करेंगे। उससे पहले उनके नेतृत्व में मेरे सहयोगी पंकज चौधरी और सचिव सुबह 9 बजे राष्ट्रपति से मिलेंगे। सुबह 10 बजे पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक होगी।”
वित्त राज्य मंत्री डॉ. बी कराड ने बजट पर कहा, “देश ने कोविड से अच्छी रिकवरी की है। आर्थिक सर्वेक्षण को देखें तो सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है। अन्य देशों की तुलना में हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। 2014 में जब पीएम ने शपथ ली थी तब भारत अर्थव्यवस्था के लिहाज से 10वें स्थान पर था, आज 5वें स्थान पर है।”
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बजट को लेकर कहा कि यह देश को कर्ज डुबो देगा।