PMSVANidhi: स्ट्रीट वेंडरों को कर्ज देने में यूपी टॉप पर, बंगाल रहा सबसे फिसड्डी; देखिए लिस्ट
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना शहर के स्ट्रीट वेंडरों के लिए केंद्र की माइक्रो क्रेडिट स्कीम है।

जहां कई राज्य सरकारें और उनके स्थानीय प्रशासन प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना को बढ़ावा दे रहे हैं, जो कि शहर के स्ट्रीट वेंडरों के लिए केंद्र की माइक्रो क्रेडिट स्कीम है, वहीं कुछ राज्यों में इस योजना को लागू किए जाने में बड़ा अंतर देखा जा रहा है। जहां यूपी ने योजना के तहत 3.5 लाख कर्ज बांटे हैं, तेलंगाना और मध्यप्रदेश ने बीते सात महीने में 2 लाख कर्ज बांटे हैं, वहीं पश्चिम बंगाल, असम और केरल कुछ ही कर्ज बांट पाए हैं।
पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना पिछले साल जून में लॉन्च की गई थी। स्ट्रीट वेंडर को ये योजना 10 हजार रुपये तक का लोन कम दर पर देती है। जिस किसी के पास भी वेंडिंग का सर्टिफिकेट है वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। यूपी जहां इस स्कीम को लागू करने में सबसे आगे रहा है, राज्य ने कुल 347.4 करोड़ रुपये का कर्ज 3.54 लाख लोगों को बांटा है।
वहीं, पश्चिम बंगाल सूची में सबसे निचले पायदान पर है। राज्य ने इस अविध में सिर्फ 9 लाख रुपये का कर्ज बांटा वो सिर्फ 95 लोगों को। ये आंकड़ा उन राज्यों से भी कम है जो कि आबादी और आकार के हिसाब से बंगाल से छोटे हैं। मसलन त्रिपुरा, मिजोरम और गोवा ने बंगाल से ज्यादा कर्ज बांटा है।
केरल ने भी सबसे खराब प्रदर्शन किया है। राज्य ने सिर्फ 6.09 करोड़ रुपये का कर्ज 6,144 लोगों को बांटा है। सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्य यूपी, तेलंगाना और मध्यप्रदेश हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश ने 50 करोड़ रुपये से ऊपर का कर्ज योजना के तहत बांटा है।
बैंक के मुताबिक शहरों के स्थानीय निकाय और वेंडिंग समिति जिन लोगों को कर्ज देना है उनकी पहचान करते हैं और उन्हें वेंडिंग का सर्टिफिकेट जारी करते हैं। इसलिए इन स्थानीय संस्थाओं पर योजना की सफलता निर्भर करती है।
यदि स्थानीय संस्थाएं बैंकों को लाभार्थियों की सूचियां नहीं भेजते हैं , तो बैंक शाखाएं योजना को लागू नहीं कर पाएंगी।
(स्वीटी कुमारी और शाजू फिलिप से इनपुट के साथ)