PM Narendra Modi Speech in Rajya Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में बोलते हुए विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर जबरदस्त पलटवार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कल खड़गे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं मैं आता हूं वह तो आपने देखा लेकिन आप यह भी देखें कि वहां 1 करोड़ 70 लाख जनधन बैंक अकाउंट खुले हैं। सिर्फ कलबुर्गी में ही 8 लाख से ज़्यादा जनधन खाते खुले हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “इसे देखकर उनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं। आप दलित की बात करते हैं यह भी देखें कि उसी जगह दलित को चुनाव में जीत भी मिली। अब आपको जनता ही नकार दे रही है तो आप उसका रोना यहां रो रहे हैं।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा था?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बुधवार को राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि कई सासंद-मंत्री सिर्फ हिंदू मुस्लिम करते हैं, क्या बात करने के लिए कोई और मुद्दा नहीं है। दूसरी तरफ कोई अनुसूचित जाति के लोग मंदिर जाते हैं तो उन्हें मारते हैं, उनकी सुनवाई नहीं होती है।
उन्होंने यह भी कहा कि अनुसूचित जाति को तो हम हिंदू समझते हैं ना तब उन्हें मंदिर जाने से क्यों रोकते हैं अगर समझते हैं तो उन्हें बराबरी का स्थान क्यों नहीं देते।कई मंत्री दिखावे के लिए उनके घर जाकर खाना खाते हैं और तस्वीर खींचवा कर बताते हैं कि हमने उनके घर खाना खाया है।
प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में और क्या कहा, जानिए 5 बड़ी बातें
- कांग्रेस को बार-बार देश नकार रही है लेकिन कांग्रेस और उसके साथी अपनी साजिशों से बाज़ नहीं आ रही है लेकिन जनता इसे देख रही है और उनको हर मौके पर सज़ा भी दे रही है।
- हमारी प्राथमिकता हमारे देश के नागरिक थे इसलिए हमने 25 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाया। इसमें हमें नए इंफ्रास्ट्रक्चर और धन खर्च करना पड़ा। 18,000 से ज़्यादा गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। समयसीमा के साथ हमने 18,000 गांव में बिजली पहुंचाई।
- कोई भी जब सरकार में आता है वह देश के लिए कुछ वादा करके आता है लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है। विकास की गति क्या है, विकास की नीव, दिशा, प्रयास और परिणाम क्या है यह बहुत माएने रखता है।
- हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना अर्थात शत प्रतिशत लाभार्थी को लाभ पहुंचे। सरकार इस राह पर काम कर रही है। सैचुरेशन का मतलब होता भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म करना। यह तुष्टीकरण की आशंकाओं को खत्म कर देता है।
- 110 ऐसे आकांक्षी जिले जहां बहुल संख्या आदिवासी की है उन्हें योजनाओं का सीधा लाभ मिला है। यहां के शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया गया। बजट में शेड्यूल ट्राइब कंपोनेंट फंड के तहत 2014 के पहले की तुलना में 5 गुना अधिक वृद्धि हुई है।