PM Modi Meeting with CMs 11 May 2020 Highlights: आने वाले दिन में लॉकडाउन को लेकर राज्य अपने हिसाब से फैसला ले सकते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय इस संबंध में राज्यों को अधिकार देने पर विचार कर रहा है। पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक खत्म होने पर यह बात सामने निकलकर आई है। पीएम मोदी ने कहा कि जो मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए हैं, वो 15 मई तक अपने सुझाव दे सकते हैं। इससे पहले बैठक में कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया। इससे पहले तेलंगाना, बिहार, पंजाब, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों ने देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने का समर्थन किया है। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने लॉकडाउन बढ़ाने का विरोध किया है।
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हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें लॉकडाउन से बाहर आने की रणनीति बनाने की जरूरत है। वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन के बिना आगे बढ़ना मुमकिन नहीं है। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि रेड जोन वाले लोगों को ग्रीन जोन में जाने की अनुमति ना हो। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि इस समय हमें राजनीति नहीं बल्कि मिलकर काम करने की जरूरत है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से उपजे संकट में जीवन के साथ आजीविका बचाना जरूरी है। उन्होंने इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को शहरी गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना लाने तथा मनरेगा के तहत गांवों में रोजगार को बढ़ाकर 200 दिवस करने का सुझाव दिया है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ 5वीं वीडियो कॉन्फ्रेंस कहा कि भारत इस कोरोना संकट से अपने आपको बचाने में काफी हद तक सफल रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्यों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है। बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र पर संकट के समय में राजनीति करने का आरोप लगाया।
ममता ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से राज्य को भेजी जाने वाली चिट्ठी उन तक पहुंचने से पहले ही लीक हो जा रही है। मोदी और मुख्यमंत्रियों की मुलाकात ऐसे वक्त पर हो रही है, जब देश में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सोमवार तक पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 4213 नए केस सामने आए, जिसके बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 70 हजार के करीब पहुंच गई। कोरोना से अब तक 2206 लोगों की मौतें हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बार 27 अप्रैल को बातचीत किये जाने के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है, जो 28,000 के आंकड़े से बढ़ कर करीब 67,000 पर पहुंच गई है।
कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पांचवीं बार मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी के साथ बैठक में तमिलनाडु में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि 31 मई तक ट्रेन सेवाओं की अनुमति ना दें। इसके बाद हालात को देखते हुए ट्रेनों को चलाया जाए।
मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवन का नया मार्ग ‘ व्यक्ति से पूर्ण मानवता की ओर’ के सिद्धांत पर होगा। कहा कि पूरी दुनिया कोविड-19 के संत्रास को झेल रही है। इससे सबको मिलकर लड़ना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले चरण में लॉकडाउन के जिन कदमों की जरूरत थी, उनकी दूसरे चरण में नहीं थी, तीसरे चरण में जरूरी कदमों की चौथे में आवश्यकता नहीं है। हर चरण की अपनी जरूरतें और तैयारियां हैं।
मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में ट्रेन सेवाएं फिर शुरू होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आर्थिक गतिविधि बढ़ाना जरूरी है, लेकिन सारे मार्गों पर ट्रेनें नहीं चलेंगी। सुरक्षा के मानकों और हालात को देखते हुए निर्णय लिए जाएंगे।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पंचायतों को शामिल करने का अनुरोध करते हुए सोमवार को कहा कि यह लड़ाई लंबी चलने वाली है। प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंस के दौरान पटनायक ने यह सलाह दी। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ‘‘तंत्र के विकेंद्रीकरण’ पर जोर देते हुए पटनायक ने कहा कि पूरे जिले के स्थान पर छोटे-छोटे क्षेत्रों को रेड जोन में रखा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा दृढ़ विचार है कि लॉकडाउन के पहले चरण में जो उपाय किए गए थे, लॉकडाउन के दूसरे चरण में उनकी जरूरत नहीं थी। इसी तरह से तीसरे चरण के लॉकडाउन में जो उपाय किए गए थे लॉकडाउन 4 में उनकी जरूरत नहीं है। यह जानकारी पीएमओ की तरफ से दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने, लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने और आर्थिक गतिविधियां तेज करने के उपायों पर सोमवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये चर्चा की। शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण भारत की तरफ श्रमिकों के पलायन और मजदूरों के अपने घर जाने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली में आने वाली समस्याओं पर इस बैठक में चर्चा की।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से उपजे संकट में जीवन के साथ आजीविका बचाना जरूरी है। उन्होंने इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को शहरी गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना लाने तथा मनरेगा के तहत गांवों में रोजगार को बढ़ाकर 200 दिवस करने का सुझाव दिया है। गहलोत सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंस में भाग ले रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मनरेगा की तर्ज पर ही शहरी क्षेत्रों के लिए भी रोजगार की गारंटी देने वाली योजना शुरू करने का आग्रह किया
पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के अंत में एक नया नारा दिया। पीएम मोदी ने कहा कि जन से जग तक। उन्होंने कहा कि जिस तरह विश्वयुद्ध के बाद दुनिया बदल गई थी उसी तरह कोरोना के बाद बी दुनिया बदलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि और आर्थिक राहत देने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि केंद्र की तरफ से राज्यों को लॉकडाउन पर खुद निर्णय लेने का अधिकार दिया जा सकता है।
पीएम नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक खत्म हो गई है। बैठक में बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र और तेलंगाना समेत 6 राज्यों ने लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने का समर्थन किया। बैठक में अधिकतर मुख्यमंत्रियों का कहना था कि लॉकडाउन के अचानक से खत्म नहीं किया जाना चाहिए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ट्रेन चलाना एक गलत विचार है। नीतीश कुमार ने कहा लॉकडाउन की अवधि को मई के अंत तक बढ़ाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि आगे के रास्ते और सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर संतुलित रणनीति बनानी होगी और लागू करनी होगी। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा, ‘‘आज आप जो सुझाव देते हैं, उसके आधार पर हम देश की आगे की दिशा तय कर पाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि भारत खुद को कोविड-19 से सफलतापूर्वक सुरक्षित रख पाया है, राज्यों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम ने कहा कि जहां भी हमने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया, हमारी समस्याएं बढ़ गईं।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि कोरोना वायरस की तेजी से जांच करने वाली ट्रूनेट मशीन मुहैया कराई जाएं, क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों ने पूर्वोत्तर राज्य लौटना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाले वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेते हुए खांडू ने उनसे यह भी अनुरोध किया कि वह पूर्वोत्तर में निवेश कराना जारी रखें ताकि महामारी के कारण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव नहीं पड़े।
पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में कहा कि जब भारत सरकार ने सीमाओं को खोलना, ट्रेनों को शुरू करने और हवाई अड्डों को खोलने सहित लगभग सब कुछ खोल दिया है, तो ऐसे में लॉकडाउन को जारी रखने का क्या तर्क है। उन्होंने केंद्र से संघीय ढांचे का सम्मान करने की भी बात कही।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज PM नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में सावधानीपूर्वक तैयार से रणनीति के साथ राज्यों के राजकोषीय और आर्थिक सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन के विस्तार की बात कही। कैप्टन ने कहा कि लोगों का जीवन बचाने के साथ आजीविका सुनिश्चित की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कन्टेंमेंट जोन छोड़कर पूरी दिल्ली में आर्थिक गतिविधियां खोल दी जानी चाहिए। सीएम ने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा करना जरूरी है। सीएम केजरीवाल पहले भी कह चुके हैं कि दिल्ली के लोगों को कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी।
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में महाराष्ट्र ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि ग्रीन जोन में उद्योगों के अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में लॉकडाउन के बिना आगे बढ़ना नामुमकिन है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यात्री ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू नहीं करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से बताया गया कि यात्री ट्रेनों को देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपायों के रूप में रोका गया था।
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन तय करने का अधिकार राज्यों को दिया जाए। उन्होंने केंद्र सरकार से मनरेगा के तहत 200 दिनों की मजदूरी देने की मांग की है। सीएम ने कहा कि रेगुलर ट्रेन और हवाई सेवा, अंतर राज्यीय बस परिवहन की शुरुआत राज्य सरकारों से विचार विमर्श कर किया जाना चाहिए।
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में गुजरात ने लॉकडाउन नहीं बढ़ाने की बात कही है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खत्म करना चाहिए। मालूम हो कि राज्य के अहमदाबाद में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न राज्यों के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने में भारत की सफलता को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है। मोदी ने कहा कि भारत सरकार इसे लेकर सभी राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना करती है।
पीएम के साथ बैठक में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लाॅकडाउन से बाहर आने की रणनीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि राज्यों को तीन महीने के लिए वित्तीय मदद दी। इसके साथ ही उन्होंने टेस्टिंग के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की जरूरत पर जोर दिया।
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में कैप्टन अमरिंद सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति में लॉकडाउन के आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में उनसे आर्थिक मुद्दों पर सुझाव मांगा है। पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के जरिये हम सभी स्थिति को नियंत्रण करने में कामयाब रहे हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग में पैसेंजर ट्रेन चलाने का विरोध किया है।
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में बिहार लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के पक्ष है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।
पीएम की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। ममता बनर्जी का कहना है कि पश्चिम बंगाल को लिखी चिट्टी राज्य को मिलने से पहले ही लीक हो जाती है।
मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कोरोना संक्रमण पर मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस की बैठक में हिस्सा लिया। मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से यह जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्रियों की बैठक को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह संबोधित कर रहे हैं। बैठक में देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति और लॉकडाउन 3.0 के बाद की रणनीति पर चर्चा हो रही है।
लॉकडाउन अभी और आगे बढ़ेगा? लॉकडाउन से निकलने का प्लान यानी एग्जिट प्लान क्या हो? ऐसे ही सवालों पर चर्चा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की राज्यों के मुख्यमंत्रियों से 5वीं वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग शुरू हो चुकी है। इस मीटिंग में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, कोरोना के प्रकोप को रोकने, धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील देने संबंधी कई मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद यह तकरीबन तय हो जाएगा कि लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं।
मुख्य मंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक कुछ देर में शुरू होने वाली है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी होने वाली इस बैठक में लॉकडाउन और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर चर्चा होगी।
17 मई के बाद क्या होगा? लॉकडाउन खत्म हो जाएगा या अभी इसे और बढ़ाया जाएगा। इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। ऐसे में सबकी नजरें आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होने वाली अहम बैठक पर है। कोरोना के खिलाफ देश की तैयारी और आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए आज प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों से बात करने वाले हैं। ये बैठक दोपहर 3 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी।
सभी मुख्य मंत्री बारी-बारी से अपनी बात पीएम के सामने रखेंगे। विजय रुपाणी के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर पीएम मोदी के सामने अपनी बात रखेंगे। उनके बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलौत, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे अपने-अपने राज्यों के हालात से पीएम मोदी को अवगत करायेंगे। इनके बाद बाकी तमाम सीएम अपनी बात रखेंगे।
बैठक को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक, शुरुआत आंध्र प्रदेश के सीएम से होगी। फिर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी अपनी बात रखेंगी। इसके बाद तमिलनाडु के सीएम पलानीसामी, छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल और गुजरात के विजय रुपाणी का नंबर आएगा।
बीते दिन ही बैठक से पहले सरकार ने लॉकडाउन के दौरान अधिक से अधिक प्रवासियों को घर पहुंचाने के प्रयास में एक अहम फैसला लिया है। सरकार के फैसले के बाद ही रेलवे ने अब ‘श्रमिक विशेष’ गाड़ियों में 1200 की जगह 1700 यात्रियों को भेजने का निर्णय किया है और तीन स्थानों पर इन ट्रेनों का ठहराव होगा। रेलवे की ओर से जारी आदेश में, रेलवे जोनों को संबंधित राज्यों में गंतव्य के अलावा तीन जगहों पर गाड़ियों के ठहराव के लिये कहा गया है । राज्य सरकारों के आग्रह पर यह निर्णय किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि ट्रेन में यात्रियों को ले जाने की क्षमता उसमें मौजूद शयनयान सीटों की संख्या के बराबर होनी चाहिये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बातचीत करेंगे, जिसमें अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने एवं कोविड-19 के और अधिक ‘रेड जोन’ को ‘ऑरेंज जोन’ या ‘ग्रीन जोन’ में लाने की सभी कोशिशें बढ़ाने पर जोर दिये जाने की उम्मीद है।
पीएम मोदी ने बताया कि आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस राजस्थान के पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ है। 1998 में 11 मई को भारत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पांच परमाणु परीक्षणों में से पहले का सफल परीक्षण किया था। प्रधानमंत्री ने सिलसिलेवार ढंग से ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर हमारा देश उन सभी लोगों को सलाम करता है जो प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल दूसरे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कर रहे हैं। हम इस दिन 1998 में हमारे वैज्ञानिकों द्वारा हासिल की गई असाधारण उपलब्धि को याद करते हैं। यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था।’’ उन्होंने कहा कि 1998 का पोखरण परीक्षण यह भी दिखाता है कि मजबूत राजनीतिक नेतृत्व क्या बड़े बदलाव ला सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अनुसंधान और नवोन्मेष की दिशा में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे लोगों की प्रशंसा की और 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण में देश के वैज्ञानिकों की ‘‘असाधारण उपलब्धि’’ को याद किया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस राजस्थान के पोखरण में हुए परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ है। 1998 में 11 मई को भारत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पांच परमाणु परीक्षणों में से पहले का सफल परीक्षण किया था।