नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को राज्य में और पड़ोसी ओड़िशा में चक्रवाती तूफान हुदहुद से निपटने के लिए हरसंभव मदद का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री ने शनिवार को एक आपात उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर तूफान से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया था और रविवार को नायडू से बात कर राहत और बचाव कार्यों पर चर्चा की। मोदी ने शनिवार को ही अधिकारियों से यह तय करने को कहा था कि राहत और बचाव अभियान सुगमता से चले और लोगों को उसी समय तूफान के बारे में जानकारी मिलती रहे।
मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संपर्क में रहने को कहा है। बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, गृह सचिव, रक्षा सचिव और मौसम विभाग व प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था। कैबिनेट सचिव अजीत कुमार सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री न केवल आंध्र प्रदेश और ओड़िशा के बारे में चिंतित हैं बल्कि चाहते हैं कि अन्य राज्यों को भी अलर्ट किया जाए जहां भारी बारिश हो सकती है। सेठ ने कहा- हमने ऐसा ही किया। कैबिनेट सचिव के अनुसार प्रधानमंत्री ने जहां शनिवार रात हालात की समीक्षा की, वहीं वे खुद करीब से हालात पर नजर रख रहे हैं और आंध्र प्रदेश व ओड़िशा के मुख्य सचिवों के साथ दिन में दो बार बैठक कर रहे हैं।
सेठ ने चक्रवात प्रभावित विशाखापट्टनम के लोगों से तब तक अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा, जब तक कि दूसरे दौर की तेज हवाओं का प्रकोप खत्म नहीं हो जाए। उन्होंने चुनौती से निपटने में केंद्र और राज्य सरकार की एजंसियों के प्रयासों की तारीफ की। नायडू ने कहा कि संपत्ति को बड़ा नुकसान होने की खबरें हैं और अगले तीन से चार घंटे संवेदनशील हैं। उन्होंने हैदराबाद में पत्रकारों से कहा- हमने लोगों को घरों में रहने के निर्देश दिए हैं क्योंकि इससे कई जानें बच सकती हैं। लेकिन इमारतों, पुलों, पेड़ों और फसलों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। संचार संपर्क पूरी तरह तबाह हो गया है। हम बचाव की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारा प्रशासन जहां तक संभव है पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेज हवाओं और बारिश के प्रभाव से बचाव और राहत दल सक्रिय नहीं हो पा रहे। लेकिन प्रशासन ने अब तक 1.5 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चलाने के मकसद से विशाखापट्टनम में अपनी टीमों की संख्या बढ़ा कर 13 कर दी है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के प्रमुख ओपी सिंह ने बताया कि तूफान के दस्तक देने के बाद विशाखाट्टनम में हमने अपनी टीमों की संख्या बढ़ा कर 13 कर दी है। पहले वहां छह टीमें मौजूद थीं। एनडीआरएफ की एक टीम में आमतौर पर 50 लोग होते हैं।
महानिदेशक ने कहा कि एनडीआरएफ की टीमें आसपास के इलाकों से इस तटवर्ती शहर में भेजी जा रही हैं। सिंह ने कहा कि एनडीआरएफ के लिए अगले कुछ घंटे काफी अहम हैं क्योंकि विशेष इकाईयां और कार्य बल ज्यादा तबाही वाले इलाकों में भेजी जाएंगी। हमारी सभी टीमें अपने तय स्थानों पर हैं और उनमें से अनेक काम पर है या सचल हैं। आंध्र प्रदेश और ओड़िशा में एनडीआरएफ ने कुल 44 टीमें तैनात की हैं। इनमें से 21 टीमें आंध्र प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जुटाई गई हैं जबकि 20 टीमें ओड़िशा में हैं।
एनडीआरएफ ने अपने दो अनुभवी उप-महानिरीक्षकों (डीआइजी) को इन दोनों राज्यों में तैनात किया है। जो राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर आपदा राहत व बचाव कार्रवाइयों की निगरानी और देखरेख करेंगे। महानिदेशक ने बताया कि तैनात की गई इन 44 टीमों के रूप में एनडीआरएफ के 2000 से ज्यादा बचावकर्मियों और 220 नौकाओं को काम में लगाया है।