सुभाष चंद्र बोस जयंती के लिए PM ने बनाई 85 लोगों की कमेटी, पर नेता जी द्वारा स्थापित पार्टी का कोई सदस्य नहीं
चूंकि, बंगाल में इस साल के मध्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, समिति में पश्चिम बंगाल भाजपा के कई नेताओं को भी स्थान दिया गया है। इनमें हाल ही में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शुभेन्दु अधिकारी भी शामिल हैं।

स्वतंत्रता संग्राम के बड़े नेता और Azad Hind Fauj का गठन करने वाले सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 85 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है। हैरत की बात है कि इस समिति में BJP ही नहीं बल्कि Congress, NCP और BJD सरीखी पार्टियों के नेताओं को शामिल किया गया है। पर नेता जी द्वारा स्थापित पार्टी यानी All India Forward Bloc (AIFB) का इसमें कोई सदस्य नहीं है।
ऐसा तब हुआ, जब AIFB इस तरह की समिति के लिए अभियान चला रही थी और इसी संबंध में मांग को लेकर पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री को दो बार ज्ञापन भी सौंपा गया था। हालांकि, जब यह मांग पूरी हुई और पैनल बन भी गया, तब उसमें पार्टी के किसी नेता को जगह नहीं मिल पाई।
प्रधानमंत्री खुद इस कमेटी के अध्यक्ष हैं। शनिवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के बयान में कहा गया था, समिति 23 जनवरी 2021 से शुरू होकर एक वर्ष तक चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी। कमेटी में 10 केंद्रीय मंत्री और सात मुख्यमंत्री हैं।
केंद्रीय मंत्रियों में अमित शाह, राजनाथ सिंह और निर्मला सीतारमण शामिल हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य भी समिति के सदस्यों में शामिल हैं। इनके अलावा समिति में प्रख्यात नागरिकों, इतिहासकारों, लेखकों, विशेषज्ञों, सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों के साथ साथ आजाद-हिंद फौज से जुड़े प्रमुख लोगों को भी शामिल किया गया है।
चूंकि, बंगाल में इस साल के मध्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, समिति में पश्चिम बंगाल भाजपा के कई नेताओं को भी स्थान दिया गया है। इनमें हाल ही में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शुभेन्दु अधिकारी भी शामिल हैं। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और देबश्री चौधरी तथा सांसदों में दिलीप घोष, राजू बिष्ट, रूपा गांगुली, सुनील मंडल, जयंत कुमार रॉय, जगन्नाथ सरकार, सौमित्र खान, खगेन मुर्मु और ज्योतिर्मय सिंह महतो को समिति का सदस्य बनाया गया है। ये सभी पश्चिम बंगाल से हैं।
अन्य प्रमुख सदस्यों में संगीतकार ए आर रहमान, अभिनेत्री काजोल, अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, क्रिक्रेटर सौरव गांगुली और मेदांता समूह के अध्यक्ष रवि कासलीवाल शामिल हैं। संस्कृति मंत्रालय में सचिव राघवेंद्र सिंह समिति के संयोजक होंगे। मुख्यमंत्रियों में नगालैंड के नेफ्यू रियो, ओडिशा के नवीन पटनायक, त्रिपुरा के बिप्लब देब, मणिपुर के बिरेन सिंह, मिजोरम के जोरामथांगा और मेघालय के कोनार्ड संगमा को समिति का सदस्य बनाया गया है।
अन्य दलों से तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी को समिति में शामिल किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि समिति दिल्ली, कोलकाता और नेताजी तथा आजाद हिंद फौज से जुड़े स्थानों के साथ विदेश में कार्यक्रमों का मार्गदर्शन करेगी।
बयान में कहा गया, ‘‘यह समिति दिल्ली, कोलकाता और नेताजी एवं आजाद हिंद फौज से जुड़े अन्य स्थानों, भारत के साथ-साथ विदेशों में भी संचालित होने वाली स्मरणोत्सव गतिविधियों का मार्गदर्शन करेगी।’’
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