पठानकोट हमले की जांच पर शुरू हुई बातचीत, जांच दल को लेकर कांग्रेस-आप को एतराज
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि पाकिस्तानी जांच टीम को वायुसेना अड्डे में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई है।

पठानकोट आतंकी हमले की जांच को लेकर भारत और पाकिस्तान के जांच अधिकारियों ने सोमवार को मुलाकात की और जांच के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। पाकिस्तानी जांच दल (जेआइटी) मंगलवार को पठानकोट जाएगा जहां उसे सीमित जगहों पर जाने की इजाजत होगी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि पाकिस्तानी जांच टीम को वायुसेना अड्डे में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई है। इस बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पाक जांच दल को भारत आने की इजाजत देने पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है।
गौरतलब है कि पड़ोसी देश से पहली बार संयुक्त जांच टीम (जेआइटी) भारत आई है जिसमें आइएसआइ का एक अधिकारी भी शामिल है। पांच सदस्यीय जेआइटी का नेतृत्व पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) के प्रमुख मोहम्मद ताहिर राय कर रहे हैं । इसमें लाहौर के उपमहानिदेशक-खुफिया ब्यूरो, मोहम्मद अजीम अरशद, आइएसआइ अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल तनवीर अहमद, सैन्य खुफिया अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल इरफान मिर्जा और गुजरांवाला सीटीडी जांच अधिकारी शाहिद तनवीर शामिल हैं। भारत आने के एक दिन बाद जेआइटी के सदस्य यहां एनआइए के मुख्यालय पहुंचे। इसके बाद उनको अब तक की जांच के बारे में जानकारी दी गई।
बातचीत के दौरान एनआइए ने पाकिस्तानी टीम के साथ कुछ फोन नंबर साझा किए। जिन लोगों के फोन नंबर साझा किए गए उनमें जैशे-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भाई रउफ और आतंकवादियों को डिब्बाबंद भोजन की आपूर्ति करने वाली कंपनियां शामिल हैं। एनआइए ने पठानकोट हमले और पिछले साल सांबा और कठुआ में हुए हमलों के बीच समानता का भी हवाला दिया। जांच एजंसी ने जैश से जुड़े कुछ लोगों के नाम भी दिए जिनमें मुल्ला दादुल्ला और कासिफ जान शामिल हैं। दो जनवरी को पठानकोट हमले को पाकिस्तान के जैशे-मोहम्मद आतंकी समूह ने अंजाम दिया था जिसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे।
सूत्रों ने बताया कि पठानकोट वायुसेना स्टेशन में ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिससे कि पाकिस्तान से आई टीम के लोग रणनीतिक रूप से संवेदशील स्थानों को नहीं देख पाएं। एनआइए उन्हें कुछ उन क्षेत्रों को ही दिखाएगी जहां आतंकवादियों के साथ सुरक्षाबलों की 80 घंटे तक मुठभेड़ चली थी। भारत की योजना पाकिस्तानी टीम को मामले में सभी गवाहों तक पहुंच उपलब्ध कराने की है, लेकिन उन्हें एनएसजी या बीएसएफ के सुरक्षाकर्मियों तक पहुंच उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। गवाहों में पंजाब पुलिस के अधीक्षक सलविंदर सिंह, उनका जौहरी मित्र राजेश वर्मा, रसोइया मदन गोपाल और 17 घायल लोग शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी टीम को सहयोग आदान-प्रदान के सिद्धांत पर आधारित है और उम्मीद व्यक्त की कि बाद की किसी तारीख में भारतीय टीम को भी पाकिस्तान के दौरे की अनुमति दी जाएगी। मुंबई हमलों की जांच के सिलसिले में पाकिस्तान ने मामले के कुछ गवाहों से जिरह के लिए एक न्यायिक आयोग भेजा था।
बाद में एनआइए के महानिदेशक शरद कुमार ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच मुलाकात बहुत सौहार्दपूर्ण ढंग से हुई और पाकिस्तानी पक्ष इस बातचीत के दौरान ‘सहयोगात्मक’ था। पाकिस्तानी जांच टीम के दौरे को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार पाकिस्तान को अपनी रक्षा पूंजी दिखा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार ने जांच दल को इजाजत देकर ऐसा संदेश दिया है कि इस हमले में पाकिस्तानी हुकूमत की कोई भूमिका नहीं है। कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह उसी तरह है कि कोई आरोपी खुद ही अपनी जांच कर रहा है। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने ‘स्वीकार कर लिया है’ कि भारत में आतंकवाद फैलाने में पाकिस्तानी हुकूमत की कोई भूमिका नहीं है। सुरजेवाला ने कहा, भारत ने आतंकवाद के निर्यात में सरकार और सरकार से इतर के तत्वों की आपसी मिलीभगत को हमेशा पूरी तरह से माना है। पाकिस्तान में सरकार और सरकार से इतर तत्वों के बीच ‘कोई दूरी नहीं होने’ की स्पष्ट रेखा का भाजपा सरकार ने पाकिस्तानी सेना और आइएसआइ के पक्ष में उल्लंघन किया है। उधर, कांग्रेस के हमले का जवाब देते हुए भाजपा ने कहा कि अगर पड़ोसी देश पठानकोट हमले की जांच करना चाहता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है। भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अपने पाकिस्तानी समकक्ष से इस हमले को लेकर कड़ी कार्रवाई की मांग करने के बाद पाकिस्तानी जांच टीम का यह दौरा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर पाकिस्तान के समक्ष ‘समर्पण करने’ का आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तानी टीम के यहां आने की बजाय भारतीय जांच एजंसियों को उस देश में जाना चाहिए था जहां असली मास्टरमाइंड बैठे हुए हैं। केजरीवाल ने सवाल किया कि जब भारत यह कह रहा है कि पठानकोट हमला पाकिस्तान प्रायोजित था तो इस हालात में इसकी जांच आइएसआइ कैसे कर सकती है?
दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने पठानकोट मामले में पाकिस्तानी एजंसी आइएसआइ की जांच के मुद्दे को उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना जयचंद से कर डाली। विधानसभा में बजट पेश करने के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भी आम आदमी पार्टी के विधायकों ने बैनर-पोस्टर के साथ नारेबाजी की। कपिल मिश्रा ने कहा कि आइएसआइ को पठानकोट के अंदर घुसने नहीं देंगे, चाहे कुछ भी करना पड़े। केजरीवाल ने कहा, ‘आइएसआइ को बुलाकर मोदी सरकार ने शहीदों की शहादत की सौदेबाजी की है, भारत के लोग ये कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।’