बुधवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament) के लिए कांग्रेस (Congress) ने मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, चीन के साथ सीमा विवाद और न्यायाधीशों की कॉलेजियम प्रणाली Collegium System को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के साथ केंद्र के हालिया टकराव पर सरकार को घेरने का फैसला किया है। शीतकालीन सत्र हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव परिणामों के आने से एक दिन पहले शुरू होगा और 29 दिसंबर तक चलेगा।
सरकार को संसद में घेरेगी कांग्रेस
हालांकि विंटर सेशन में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत कुछ अन्य कांग्रेस नेता एब्सेंट रह सकते हैं, क्योंकि ये भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में व्यस्त हैं। लेकिन मुद्दों की सूची तैयार है। सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व में पार्टी के रणनीति समूह की बैठक हुई जिसमे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने भी हिस्सा लिया। मुद्दों में कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग भी शामिल है। यह 2020-21 के किसानों के विरोध की एक प्रमुख मांग भी थी।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान एम्स (AIIMS) पर हाल ही में हुए साइबर हमले पर भी सरकार से सवाल करेगी। सदन से वाक आउट या व्यवधान को रणनीति का हिस्सा बनाने के बारे में पूछे जाने पर एक सूत्र ने कहा, “हम सदन को तब तक नहीं रोकेंगे जब तक कि यह आवश्यक न हो जाए।”
गुजरात चुनाव के कारण देरी से शुरू हो रहा विंटर सेशन
सत्र मौजूदा संसद भवन में आयोजित किया जाएगा, न कि नए में जिसके अब तक तैयार होने की उम्मीद थी। गुजरात चुनाव के कारण सत्र को भी एक महीने की देरी से शुरू करना पड़ा। कांग्रेस के लिए एक और सवाल बना हुआ है कि राज्यसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा, क्योंकि मल्लिकार्जुन खड़गे, जो अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उन्होंने पार्टी के एक व्यक्ति-एक पद के मानदंड के अनुसार इस्तीफा दे दिया था।
सूत्रों ने NDTV को बताया कि उन्हें छूट भी दी जा सकती है और कम से कम इस सत्र के लिए नेता बने रह सकते हैं। वहीं पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह उनके विकल्प के रूप में मौजूद हैं। सरकार ने सत्र के दौरान 16 नए बिल पेश करने की योजना बनाई है, जिसमें सहकारी समितियों में चुनावी प्रक्रिया में सुधार करना शामिल है।