संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament) शुरू होने से पहले 7 दिसंबर की सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की। यह बैठक सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए थी। बैठक में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता भी पहुंचे। इन नेताओं की बैठक में मौजूदगी हैरान करने वाली थी, क्योंकि ऐसे संकेत थे कि कांग्रेस की किसी पहल में आप या तृणमूल कांग्रेस सहयोगी बनने की इच्छा नहीं रखतीं।
खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद यह संसद का पहला सत्र है। ऐसे में जाहिर है, उनकी अगुआई में मंत्रणा बैठक में आप और तृणमूल जैसे विपक्षी दलों की मौजूदगी उनका उत्साह बढ़ाने वाला रहा। शीतकालीन सत्र की रणनीति को लेकर बुधवार को संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में विपक्षी नेताओं की बैठक हुई। लंबे समय के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) विपक्ष की बैठक में हिस्सा ले रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) भी बैठक में शामिल हुई।
आश्चर्यजनक रही AAP और TMC की उपस्थिति: संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर 2022 से शुरू होकर 29 दिसंबर तक चलेगा। गुजरात चुनाव कार्यक्रम के कारण सत्र में एक महीने की देरी हुई थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद के शीतकालीन सत्र के लिए संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए संसद में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी, जिसमें आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की उपस्थिति एक आश्चर्य के रूप में सामने आई क्योंकि दोनों दलों ने लंबे समय से संसद में कांग्रेस के नेतृत्व वाले किसी भी मूवमेंट में शामिल होने से इनकार किया है।
शीतकालीन सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए विपक्षी सदन के नेताओं की 29 नवंबर 2022 को कांग्रेस की अगुवाई वाली बैठक में आप और टीएमसी दोनों ही पार्टियां उपस्थित नहीं हुईं थी। इससे पहले भी जुलाई में मानसून सत्र के दौरान आप और टीएमसी ने भी इसी तरह की बैठकों में भाग नहीं लिया था। सत्र शुरू होने से पहले बुलाई गई बैठक में आप और टीएमसी के अलावा, डीएमके, आरजेडी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), एनसी और आरएसपी भी शामिल हुईं।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष: संसद के इस सत्र में विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की मांग कर रहा है। इसके अलावा चीन द्वारा घुसपैठ और एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मद्देनजर सीमा सुरक्षा स्थिति पर सरकार से चर्चा की मांग कर रहा है।