सुषमा स्वराज की मदद को पाकिस्तान ने बताया चाल, कहा- हमें बेवकूफ बना रहा भारत
भारतीय विदेश मंत्री ने कई बार पाकिस्तान के मरीजों को मेडिकल वीजा देकर उनकी मदद की है।

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा बॉर्डर पार के मरीजों को मेडिकल वीजा देकर उनकी मदद करने को पाकिस्तान ने ‘भारत का धोखा’ बताया है। यह चौंकाने वाला बयान मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा करने के पाकिस्तान के एेलान के कुछ दिन बाद आया है। हालांकि सुषमा स्वराज की दरियादिली की पूरी दुनिया में तारीफे हो रही है। एेसे में पड़ोसी देश की ओर से एेसा बयान आना हैरान करने वाला है, क्योंकि इससे उसी के नागरिकों को फायदा पहुंच रहा है। इस शर्मनाक बयान के बाद सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छिड़ गई है। हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत हमें बेवकूफ नहीं बना सकता, यह करुणा का भावना नहीं, बल्कि राजनीति है।
पिछले कुछ महीनों से स्वराज ने कई पाकिस्तानी नागरिकों को मेडिकल वीजा देकर उनकी मदद की है। कई लोगों ने उनका आभार भी जताया है। ट्विटर पर वह नियमित तौर पर पाकिस्तानी नागरिकों को मेडिकल वीजा दिलाने में मदद करती दिखती हैं। सिर्फ मेडिकल वीजा ही नहीं, विदेश मंत्री ने कई स्टूडेंट्स को एजुकेशन वीजा भी दिया है। यह बयान सिर्फ हैरान करने वाला ही नहीं,बल्कि पाकिस्तानी नागरिकों की मदद करने वाली सुषमा स्वराज की निंदा है।
गौरतलब है कि मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड व लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद की रिहाई के आदेश देने बाद भारत ने गुरुवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भारत ने कहा है कि इससे पाकिस्तान का असली चेहरा उजागर हुआ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “हाफिज सईद की रिहाई (आसन्न) एक बार फिर आतंकवाद जैसे घृणित अपराध के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित व्यक्ति या संस्था को सजा दिलाने में पाकिस्तान सरकार की गंभीरता में कमी की पुष्टि करती है।” कुमार ने कहा, “यह पाकिस्तान सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अंतर्राष्ट्रीय दायित्व का पालन करे और हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करे।”
हाफिज को गुरुवार को 10 महीने की नजरबंदी के बाद रिहा कर दिया गया। लाहौर उच्च न्यायालय के समीक्षा बोर्ड ने बुधवार को पंजाब सरकार के जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख की नजरबंदी को तीन महीने के लिए बढ़ाए जाने की अपील को खारिज कर उसे छोड़े जाने का आदेश जारी किया था। उसका वर्तमान नजरबंदी आदेश आज (गुरुवार) को समाप्त हो रहा है। डॉन ऑनलाइन की रपट के मुताबिक, इस फैसले के बाद सईद ने मीडिया से कहा कि उसके नजरबंदी का समाप्त होना सच्चाई की जीत है और उसने इस फैसले को भारत की मांगों को एक गंभीर झटका बताया है। भारत मांग करता रहा है कि उसे 2008 के नरसंहार के लिए हिरासत में रखा जाए व दंड दिया जाए।
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