मुस्लिम बहुल देशों के कार्यक्रम में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गेस्ट ऑफ ऑनर बनेंगी। शनिवार (23 फरवरी, 2019) को ऐलान विदेश मंत्रालय की ओर से किया गया। कहा गया, “ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन (ओआईसी) में भारत को गेस्ट ऑफ ऑनर बनने के लिए न्यौता भेजा गया है।” जानकारों की मानें तो यह घटनाक्रम पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए तगड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, देश के लिए और मौजूदा विदेश मंत्री के लिए यह पहला मौका होगा, जब वह इस कार्यक्रम में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। सुषमा एक मार्च को इस कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र में अपना भाषण देंगी।
भारत की ओर से इस बाबत कहा गया कि यह न्यौता देश और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देगा। यह स्वागत योग्य कदम है। बता दें कि ओआईसी, मुस्लिम देशों की आवाज और उनके हितों की रक्षा करने के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और यूरोपीय संघ (ईयू) में इसके स्थाई सदस्य भी हैं।
पूर्व राजनयिक तलमीज अहमद ने कहा कि मुस्लिम देशों के कार्यक्रम का भारत को बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर बुलाया जाना, पाकिस्तान के लिए किसी तगड़े झटके से कम नहीं है। पाक ने पूर्व में कई बार इस मंच को भारत का अपमान करने के लिए इस्तेमाल किया है। सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देश यह समझ चुके हैं कि पाकिस्तान से इस तरह का ताल्लुक रखने का कोई मतलब नहीं है। साथ ही वहां भारत का अपमान करने का भी कोई तुक नहीं बनता।
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राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, इस घटनाक्रम को पाकिस्तान पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। पाक ओआईसी में इकलौता ऐसा देश है, जो तकरीबन 50 सालों से भारत का विरोध कर रहा है। 1969 में पहले इस्लामिक सम्मलेन में पाक के तत्कालीन राष्ट्रपति याह्या खान ने भारत का बहिष्कार कर दिया था।