पद्मावती: सेंसर बोर्ड से पास होने के बावजूद करणी सेना संतुष्ट नहीं, कहा- फिल्म दिखाई तो थियेटर तोड़ देंगे
फिल्म पद्मावती शूटिंग के साथ ही विवादो के साये में रही है।

संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावती को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के सुझाव को लेकर मीडिया रिपोर्ट पर राजपूत करणी सेना के संयोजक लोकेन्द्र कालवी के तेवर अभी भी तीखे ही हैं। उन्होंने कहा अभी तो बहुत से स्पष्टीकरण आने बाकी है, इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। मेरी दिशा स्पष्ट है, यह सब को पता है। दूसरी तरफ राजस्थान राजपूत सभा के अध्यक्ष गिर्राज सिंह लोटवाडा ने कहा कि सेंसर बोर्ड कमेटी की सिफारिश को तवज्जो नहीं देकर फिल्म निर्माताओं की मदद करना चाहता है। यह देश का दुर्भाग्य है। हम लोकतांत्रिक तरीके से विवादित फिल्म पद्मावती का विरोध जारी रखेंगे। कालवी ने कहा कि इस फिल्म को नौ लोगों की कमेटी को देखना था, लेकिन मात्र तीन सदस्यों ने फिल्म देखी है, तीनों सदस्यों ने क्या सिफारिश दी, यह सामने नहीं है। अभी इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी है, हालांकि मैं जिस रास्ते पर चला था, आज भी उसी रास्ते पर हूं। वहीं करणी सेना के सुखदेव सिंह ने कहा कि ”फिल्म दिखाने वाले सिनेमा हॉल्स के बाहर हमारे लोग तोड़फोड़ करने के लिए रहेंगे। फिल्म को रिव्यू करने वाली कमेटी के लोगों ने विरोध किया है मगर सेंसर बोर्ड अंडरवर्ल्ड के दबाव में फैसला कर रहा है।”
लोटवाडा ने कहा कि बोर्ड ने विवादित फिल्म पदमावती की समीक्षा के लिए जिस कमेटी का गठन किया था, वह कमेटी फिल्म को लेकर प्रतिकूल सिफारिश कर रही है तो फिर बोर्ड ने फिल्म में छब्बीस द्रश्य को नहीं दिखाने और फिल्म का नाम बदलने का सुझाव क्यों दिया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को पारदर्शी होना चाहिए और उसे राष्ट्र हित में सोचना चाहिए। बोर्ड अपने द्वारा गठित कमेटी की सिफारिश को नहीं मान रहा है तो फिर कमेटी गठित ही क्यों की गई थी। हमारा लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जारी रहेगा। अगली क्या रणनीति होगी, यह बातचीत करने के बाद तय किया जाएगा। मेवाड़ राजघराने के सदस्य लक्ष्यराज मेवाड़ ने कहा कि पद्मावती को लेकर अभी हाल में मीडिया से ही जानकारी मिली है, जब तक पूरी स्थिति सामने नहीं आ जाती, कुछ कहना उचित नहीं होगा।
सीबीएफसी द्वारा गठित ‘विशेष पैनल’ में उदयपुर से अरविंद सिंह, डॉ चन्द्रमणि सिंह और जयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के के सिंह शामिल थे। गठित कमेटी में शामिल में अरंविंद सिंह, डॉ चन्द्रमणि सिंह और जयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के के सिंह से इस बारे में सम्पर्क नहीं हो सका। गौरतलब है कि फिल्म पद्मावती शूटिंग के साथ ही विवादो के साये में रही है।
Our people will be outside cinema halls & each hall which shows the film will be vandalised. Members of committee formed to review the film have opposed it but censor board is taking this decision due to underworld pressure: Sukhdev Singh Gogamedi, Rajput Karni Sena #Padmavati pic.twitter.com/nTBdpstsIb
— ANI (@ANI) December 30, 2017
पद्मावती में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दिखाने की तैयारी में फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के साथ जयपुर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने दुर्व्यवहार किया और शूटिंग स्थल पर जमकर तोड़फोड़ की थी। विवादित फिल्म पद्मावती पर रोक लगाने की मांग को लेकर देश भर में पिछले दिनों जमकर प्रदर्शन हुए हैं। जिसके बाद भाजपा शासित प्रदेशों ने जारी विरोध को देखते हुए फिल्म पदमावती के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी।
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