ओआरओपी पर अधिसूचना जारी, एक जुलाई 2014 से मिलेगा लाभ
लंबे समय से ‘वन रैंक, वन पेंशन’ पर सरकार और पूर्व सैनिकों के बीच चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने शनिवार को ओआरओपी को..

सरकार ने पूर्व सैन्यकर्मियों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) लागू करने के लिए अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी। अधिसूचना के मुताबिक पहले के पेंशनभोगियों की पेंशन साल 2013 की सेवानिवृत्ति की पेंशन के आधार पर फिर से तय की जाएगी और इसका लाभ एक जुलाई, 2014 से मिलेगा।
अधिसूचना के मुताबिक साल 2013 में समान रैंक और समान सेवा अवधि के साथ सेवानिवृत्त कर्मियों की न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के अनुसार पेंशन फिर से तय की जाएगी। भविष्य में पेंशन हर पांच साल में फिर से तय की जाएगी। अपने आग्रह पर सेवामुक्ति लेने वाले कर्मियों को ओआरओपी का लाभ नहीं मिलेगा। यह आने वाले समय में प्रभावी होगा।
‘इंडियन एक्स-सर्विसमेन मूवमेंट’ के प्रमुख मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि ओआरओपी की अधिसूचना स्वीकार्य नहीं होगी। इससे पहले शुक्रवार को वन रैंक-वन पेंशन की मांग को लेकर अंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों ने आधिसूचना जारी होने में विलंब पर नाराजगी जताते हुए नौ नवंबर को अपने मेडल लौटाने का एलान किया था। हालांकि इसके कुछ ही घंटे बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने बयान जारी कर कहा था कि ओआरओपी पर अधिसूचना दीपावली से पहले जारी कर दी जाएगी।
इससे पहले सरकार ने विलंब का कारण बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान जारी आदर्श चुनाव आचार संहिता बताया था। सरकार की ओर से ओआरओपी योजना की घोषणा के बाद भी पूर्व सैनिकों के एक समूह ने इसमें खामी बताकर अपना प्रदर्शन जारी रखा था।
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