पूर्व सैन्यकर्मियों ने निलंबित किया OROP आंदोलन, जेठमलानी ने कहा कोर्ट में जवानों के लिए लड़ेंगे
वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को पूरी तरह लागू करने की मांग को लेकर पिछले 320 दिनों से आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने अपने आंदोलन को आज रात निलंबित कर दिया।

वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को पूरी तरह लागू करने की मांग को लेकर पिछले 320 दिनों से आंदोलन कर रहे पूर्व सैन्यकर्मियों ने अपने आंदोलन को आज रात निलंबित कर दिया। उधर, वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह शीर्ष अदालत में उनकी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। पूर्व सैन्यकर्मियों के प्रवक्ता कर्नल अनिल कौल ने कहा, “क्रमिक भूख हड़ताल को फिलहाल निलंबित कर दिया गया है क्योंकि हम कानूनी रास्ता अख्तियार करेंगे।”
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उन्होंने कहा, “अब हमने अपने आंदोलन को निलंबित किया है। हम मानते हैं कि पर्रिकर हमसे किए गए अपने वादे को अब पूरा करेंगे।” आंदोलन कर रहे सशस्त्र बलों के पूर्व सैन्यकर्मियों को यहां जंतर-मंतर पर संबोधित कर रहे जेठमलानी ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय में उनका मामला लड़ेंगे। जेठमलानी ने कहा, “मैं 93 साल का हूं और मैं किसी भी दिन मर सकता हूं लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि यह तब तक नहीं होगा जब तक कि मैं आपको उच्चतम न्यायालय से न्याय नहीं दिला दूं।”
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आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह ने दावा किया कि जेठमलानी ओआरओपी की मांग को लेकर अगले तीन-चार दिनों में उच्चतम न्यायालय में मामला दायर करेंगे और वह कोई फीस नहीं लेंगे। उन्होंने बताया कि सशस्त्र बल अधिकरण में चार और मामले दाखिल किए गए हैं।
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