इसका असर मंगलवार से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र नजर आएगा और सत्र के हंगामेदार होने के आसार है। सत्र का पहला चरण मौजूदा संसद भवन में ही होगा और केंद्र सरकार पहले ही दिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने की तैयारी की जा रही है। हंगामे के आसार को देखते हुए सदन से एक दिन पहले आम राय बनाने के लिए 30 जनवरी को राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक होगी।
सर्वदलीय बैठक संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा संसदीय ग्रंथालय भवन में होगी। कांग्रेस सत्र में चीन के मुद्दे पर चर्चा चाहती है, वहीं तृणमूल कांग्रेस, वामदलों, आरएसपी सहित कई विपक्षी दलों ने संसद सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों, केंद्र-राज्य संबंध आदि पर सरकार को घेरने का इरादा जताया है। तृणमूल कांग्रेस ने सत्र के दौरान केंद्र राज्य संबंध, बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र की पृष्ठभूमि में प्रतिबंध का मुद्दा उठाने पर जोर दिया है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के मुताबिक बजट सत्र के पहले हिस्से में राष्ट्रपति का अभिभाषण और उनके अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगीऔर आम बजट पेश किया जाएगा। उनका कहना है कि यह काफी महत्त्वपूर्ण सत्र है और हम सभी दलों का सहयोग चाहते हैं। सभी मुद्दों पर विपक्ष के सहयोग के लिए सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी और जहां विपक्ष को विश्वास में लिया जाएगा है।
पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण, दूसरे दिन बजट
बजट सत्र में पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। 31 जनवरी को ही सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू होकर छह अप्रैल होगा।
इस सत्र के दौरान 27 बैठक होंगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के मुताबिक अभी नए संसद भवन का कार्य अभी जारी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ऐसे में राष्ट्रपति का अभिभाषण पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में ही होगा। संसद के बजट सत्र के पहले चरण में विधेयकों पर चर्चा और पारित किए जाने की संभावना कम है ।
दूसरे चरण में पेश होंगे महत्त्वपूर्ण विधेयक
सत्र के दूसरे चरण में कई महत्त्वपूर्ण विधेयक पेश किए जा सकते हैं। लोकसभा और राज्यसभा के बुलेटिन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 17वीं लोकसभा के दसवें सत्र के अंत में नौ सरकारी विधेयक लंबित थे जबकि राज्य सभा में दो सौ अठावनवें सत्र (2022) के अंत में 26 विधेयक लंबित थे।