संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो गया है। संसद शुरू होते ही दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। राहुल गांधी के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दिए गए बयान को लेकर बीजेपी ने विपक्ष को घेरा। वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश में कुछ भी लोकतंत्र के हिसाब से नहीं हो रहा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश को तानाशाही तरीके से चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मोदी जी के राज में कानून और लोकतंत्र का राज नहीं है। वे तानाशाही की तरह देश चला रहे हैं और फिर लोकतंत्र की बात करते हैं। सदन के नेता (पीयूष गोयल) ने एक सवाल उठाया, जिसका सदन से कोई संबंध नहीं था। राहुल जी ने जो लंदन में कहा, उसे उन्होंने राज्यसभा में उठाया। ये नियम के तहत गलत है।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “वे किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में कैसे सवाल उठा सकते हैं जो सदन (राज्यसभा) का हिस्सा भी नहीं है? सदन के नेता 10 मिनट बोले और विपक्ष के नेता को सिर्फ 2 मिनट का समय दिया गया, यह कौन सा नियम है? यह लोकतंत्र का अंत है और यही उन्होंने (राहुल गांधी) सेमिनार में कहा था।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अडानी मामले को भी उठाया और जेपीसी जांच की मांग की। खड़गे ने कहा, “हम अडानी शेयरों के मुद्दे पर जेपीसी के गठन की मांग कर रहे हैं। जब हम इस मुद्दे को उठाते हैं तो माइक बंद कर दिया जाता है और सदन में हंगामा शुरू हो जाता है।”
सदन में हंगामे पर राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने जनसत्ता.कॉम से क्या कहा, इस वीडियो में देखिए:
वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “यह ओछी किस्म की राजनीति है क्योंकि राहुल गांधी ने वह नहीं कहा जिसका उन पर आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने निर्दिष्ट किया कि ‘हम मुद्दों को आंतरिक रूप से हल करेंगे और बस चाहते हैं कि हर कोई जागरूक हो, भारतीय लोकतंत्र वैश्विक जनता की भलाई है। ऐसा कुछ भी नहीं है जिसके लिए उन्हें माफी मांगने की जरूरत है।”
विपक्षी नेताओं ने संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सीबीआई और ईडी की छापेमारी को लेकर विपक्ष ने प्रदर्शन किया। विपक्ष ने कहा कि बीजेपी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती?