कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पता है कि आज जो हालात हैं उनमें बीजेपी को चुनौती देना कांग्रेस के लिए नामुमकिन है। इसके लिए आमूलचूल परिवर्तन करने ही होंगे। राजस्थान के उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर में इस बात की झलक भी दिखी। आखिरी दिन आभाष मिला कि कांग्रेस अब नव संकल्प डिक्लेरेशन के सहारे आगे बढ़ेगी। अभी शिविर में इसके मसौदे पर चर्चा हुई है। अंतिम मुहर सीडब्ल्यूसी की बैठक में लगेगी।
मसौदे के तहत कांग्रेस 1 परिवार 1 टिकट की नीति पर अणल कर सकती है। सबसे अहम बात ये कि पार्टी में हर लेवल पर 50 फीसदी पद ऐसे लोगों को देने की योजना है जिनकी उम्र 50 साल से कम है। इसके साथ राज्यसभा में किसी नेता को दो से ज्यादा न भेजना भी शामिल है। इसमें तीन साल के कूलिंग पीरियड की बात भी की गई है। यानि पदाधिकारियों को तीन साल बाद आराम का मौका दिया जा सकता है। पार्टी महासचिव के लिए ये प्रावधान पांच साल बाद लागू किया जा सकता है।
कांग्रेस की इस मैराथन मीटिंग का रविवार यानि आज समापन होने जा रहा है। हालांकि, कांग्रेस के चिंतन शिविर का नाम बदल गया है। उदयपुर में लगे पोस्टरों और होर्डिंग्स में कहीं भी चिंतन लिखा नजर नहीं आ रहा है। इसके बजाय पोस्टर पर नव संकल्प शिविर लिखवाया गया है।
पहले दिन सोनिया गांधी ने कहा था कि पार्टी ने बहुत कुछ दिया है, अब पार्टी को देने का समय है। संकल्प का समय है। सोनिया ने कहा कि संगठन के सामने अभूतपूर्व स्थिति है। हमें सुधारों और रणनीति में बदलाव की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थितियों का सामना असाधारण तरीके से ही किया जा सकता है।
सोनिया ने अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाते हुए जहां एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा वहीं बीजेपी पर में देश नफरत का महौल बनाने का आरोप लगाया। सोनिया ने कहा कि पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब कर्ज उतारने का समय है। शिविर में भाग ले रहे नेताओं से सोनिया ने कहा कि अंदर खुल कर अपनी राय रखें लेकिन बाहर केवल एक संदेश जाना चाहिए। संगठन की मजबूती और एकता का।