लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कई नेता विपक्ष को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व (MK Stalin-led DMK) में सोमवार को दिल्ली में एक बार फिर विपक्षी एकता का प्रदर्शन किया जायेगा। सामाजिक न्याय पर दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए सोमवार को अखिल भारतीय सम्मेलन में गैर बीजेपी दलों (non-BJP leaders) के नेता जुटेंगे। इस सम्मेलन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शामिल होंगे।
दिलचस्प बात यह है कि तीन अन्य प्रधानमंत्री पद के संभावित दावेदार अपने राज्यों के बाहर अपनी पार्टी का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी अपने प्रतिनिधियों को हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में भाग लेने के लिए भेजने की योजना बनाई है। इस सम्मेलन में डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin) अध्यक्षीय भाषण देंगे।
तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसद डेरेक ओ ब्रायन, AAP ने सांसद संजय सिंह और बीआरएस ने सांसद डॉ. केशव राव को भेजा है। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता की दिशा में डीएमके का यह दूसरा ऐसा प्रयास है। हाल ही में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, तेजस्वी यादव, जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत अन्य नेता एमके स्टालिन के 70वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में एक रैली में शामिल हुए थे।
हालांकि इसे भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय भूमिका निभाने के एमके स्टालिन के कदम के रूप में देखा जा रहा है। वहीं महासंघ के संयोजक डीएमके सांसद पी विल्सन (DMK MP P Wilson) इसके लिए किसी भी राजनीतिक मकसद से इनकार कर रहे हैं।
डीएमके सांसद पी विल्सन ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, “यह पूरे भारत में सामाजिक न्याय आंदोलन को आगे ले जाने और हर किसी के लिए हर चीज के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए है। सामाजिक न्याय के खिलाफ ताकतें इसे एक राजनीतिक कदम बताते हुए इसे कम आंकती हैं।”