Indian Railways Garib Rath Trains: ट्रेन से सफर करने वालों के लिए रेल मंत्रालय ने बड़ी राहत दी है। एक सर्कुलर जारी रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड (Indian Railway) की तरफ से कहा गया है कि यात्री अब से गरीब रथ (Garib Rath) एक्सप्रेस ट्रेनों में रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन (RAC) सीटों का लाभ नहीं उठा पाएंगे। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने ये फैसला गरीब रथ (Garib Rath) ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों (Passengers) की शिकायतों के बाद लिया है, जिन्हें आरएसी (RAC) सीट आरक्षण विकल्प की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जिन लोगों को आरएसी (RAC) दिया जाता है, उन्हें अपनी सीट किसी यात्री के साथ तब तक शेयर करना होता, जब तक कि सीट आरक्षण रद्द न हो जाए।
क्या होता है RAC Tickets जानिए
आरएसी (RAC) एक तरह का टिकट है जो भारतीय रेलवे ट्रेन से यात्रा के लिए बेचता है, हालांकि यह यात्रा की निश्चितता सुनिश्चित करता है. यह बर्थ की गारंटी नहीं देता है। दरअसल, गरीब रथ (Garib Rath) एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे में कुल 9 बर्थ होती हैं, जबकि अन्य ट्रेनों के एक डिब्बे में केवल 8 बर्थ होती हैं। ऐसे में अगर दो यात्री आरएसी (RAC) टिकट लेकर सफर कर रहे हैं तो उन्हें सिर्फ एक बर्थ अलॉट की जाएगी जिसे शेयर करके बैठना होगा।
RAC टिकट से Passengers को समस्या
इसके अलावा एक यात्री को दूसरे सह-यात्री के साथ बर्थ शेयर करना होता है, जिससे उन दोनों को असुविधा होती है। वहीं, असली समस्या रात के सफर में तब होती है जब ऊपर की बर्थ में बैठे आरएसी (RAC) टिकट वाले यात्री को पूरी रात अपने स्थान तक पहुंचने तक कुबड़ की स्थिति में बैठकर यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ता हैं। अब रेलवे बोर्ड के आरएसी (RAC) विकल्प को खत्म करने के फैसले से यात्रियों (Passengers) को अब गरीब रथ (Garib Rath) एक्सप्रेस ट्रेन में केवल कन्फर्म सीट मिलेगी और वे थर्ड एसी ट्रेन में आराम से यात्रा कर सकेंगे। गरीबरथ एक्सप्रेस ट्रेन में आरएसी (RAC) की व्यवस्था खत्म करने के निर्देश सभी संबंधित विभागों को जारी कर दिए गए हैं।
जानिए कब शुरू हुई थी Garib Rath ट्रेन
गरीब रथ (Garib Rath) ट्रेनों को साल 2006 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मीडिल क्लास के यात्रियों (Passengers) को कम किराए पर एसी सेवाएं प्रदान करने के इरादे से शुरू किया था। IRCTC की वेबसाइट के अनुसार, RAC टिकट तकनीकी रूप से एक कन्फर्म सीट वाला ट्रेन टिकट है जो बर्थ की गारंटी नहीं देता है और वेटिंग लिस्ट में है, हालांकि यह यात्रा की निश्चितता सुनिश्चित करता है और एक सीट दो दो यात्रियों (Passengers) में बांटा जाता है।