Twin Tower Demolition: उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार को दोपहर 2:30 बजे सिलसिलेवार ब्लास्ट में गिरा दिया गया। विस्फोट के बाद चंद सेकंड में गगनचुंबी इमारत ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गई। अवैध रूप से बनाई गई ट्विन टावर को धराशायी करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक साल बाद यह कार्रवाई की गई है। लगभग 100 मीटर ऊंचे टावर को चंद सेकेंड में ध्वस्त कर दिया गया। कुछ इसी तरह से केरल के कोच्चि में भी इमारत को गिराया गया था और इसे भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही गिराया गया था।
कोच्चि के मराडू शहर में स्थित चार बहुमंजिला इमारतों को 2020 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ढहा दिया गया था क्योंकि उनके निर्माण में तटीय नियमन क्षेत्र का उल्लंघन किया गया था। 2019 में सर्वोच्च अदालत ने मराडू की चार ऊंची इमारतों H2O होली फेथ, अल्फा सेरीन, जैन कोरल कोव और गोल्डन कयालोरम को गिराने का आदेश दिया था।
4 इमारतों को गिराया गया था
कोर्ट के आदेश के बाद महीनों की प्लानिंग और निरीक्षण के बाद, सरकारी एजेंसियों और देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीशियनों की मदद से 11 जनवरी, 2020 को इन इमारतों को गिराने का काम शुरू किया गया। कंट्रोल्ड ब्लास्ट के जरिए इन ऊंची इमारतों को चंद सेकंड के भीतर ढहा दिया गया था। पहले, H2O में विस्फोट कर 19 मंजिला इमारत को गिराया गया। इसके बाद अल्फा सेरीन को गिराया गया।
दूसरे दिन, जैन कोरल कोव की ऊंची इमारत को ब्लास्ट के जरिए गिराया गया। कोरल कोव 6 सेंकड में जमींदोज हो गई थी। इन इमारतों के गिराए जाने के दौरान आसपास के 200 मीटर के इलाके को खाली करा लिया गया था और यातायात को रोक दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, करीब 70 हजार टन के मलबे को हटाने में 60 दिन लगे थे।
ट्विन टावर को वाटरफॉल इम्प्लोजन से गिराया गया
नोएडा के ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया। नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे। इन गगनचुंबी इमारतों को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया।