लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अभी चौथी खुराक की जरूरत नहीं है। कोरोना के खिलाफ दोनों टीके लगवा टीकाकरण पूरा करवा चुके कई लोगों ने भी अब तक एक भी एहतियाती खुराक नहीं ली है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए एक ढांचागत और व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है। चीन में कोरोना के मामलों में वृद्धि के बाद लोग भारत में संक्रमण की एक और लहर की आशंका को लेकर चिंतित है। ऐसे में क्या सरकार को दो टीकों की सुरक्षा में वृद्धि के लिए दूसरी एहतियाती खुराक की अनुमति देनी चाहिए, इस पर कुछ वैज्ञानिक जमीनी स्तर पर हालात को देखने के लिए कहते हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोनारोधी टीके की चौथी खुराक इस समय अनुचित है क्योंकि देश में अधिकांश लोगों को अभी तक तीसरी खुराक नहीं मिली है और वर्तमान में उपयोग किए जा रहे टीकों को दूसरी एहतियाती खुराक के तौर पर दिए जाने की उपयोगिता पर कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, भारत में बड़ी संख्या में लोग विषाणु के संपर्क में आ चुके हैं और उन्हें टीका भी लगाया गया है, ऐसे में स्थिति काफी अलग है।
भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान पुणे में शिक्षण कार्य से जुड़े सत्यजीत रथ ने कहा कि यह उम्मीद करने का कोई कारण नहीं है कि चीनी स्थिति भारत के लिए कुछ भविष्यवाणी करेगी। चीन में हालात विशेष रूप से देश द्वारा लगभग तीन वर्षों से अपनाई जा रही शून्य-कोविड नीतियों की वजह से है। रथ के मुताबिक टीकाकरण के अलावा व्यापक वास्तविक संक्रमण के साथ भारतीय स्थिति काफी अलग है।