चार दिन से लापता नोएडा की फैशन डिजाइनर शिप्रा मलिक के शुक्रवार को मिलने के बाद उनकी कहानी में एक नए मोड़ का खुलासा हुआ है। मेरठ रेंज की डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शिप्रा का अपहरण नहीं हुआ था, उसने खुद ही किडनेप की कहानी बनाई थी। डीआईजी ने कहा कि परिवार में झगड़ा होने की वजह से शिप्रा ने घर छोड़ दिया था। घर छोड़ने से एक दिन पहले उसने टीवी शो क्राइम पेट्रोल का एपिसोड देखा था, उसे देखते हुए ही अपने अपहरण की कहानी बनाई। शिप्रा नोएडा से दिल्ली पहुंची थी, दिल्ली जाकर बस पकड़ी और वहां से वो राजस्थान गईं, जहां एक आश्रम में रही।
साथ ही सिंह ने बताया कि शिप्रा का मेडिकल कराया गया है, जिसमें चोट के निशान कहीं भी नहीं दिखे। मानसिक तौर पर परेशान शिप्रा ने बच्चे की तस्वीर देखकर वापस आने का फैसला किया। शिप्रा शुक्रवार को गुड़गांव से तीस किलोमीटर दूर झज्जर रोड़ पर स्थित एक घर में अकेली पुलिस को अकेली मिली थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक शिप्रा मलिक के पति चेतन मलिक के पास फोन आया था, उसके बाद पुलिस अधिकारियों की टीम देर रात 2 बजे उस गांव में पहुंची।
नोएडा सेक्टर-37 में रहने वाली शिप्रा 29 फरवरी से लापता थी। दिल्ली के लिए निकली शिप्रा के देर रात घर तक वापस नहीं पहुंचने और फोन बंद आने पर परिजनों ने उसके लापता होने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने शिप्रा की आखिरी लोकेशन खंगाली तो पाया कि उनके फोन की आखिरी लोकेशन लाजपत नगर थी और 100 नंबर पर आखिरी कॉल थी। उसके बाद से शिप्रा का फोन बंद आ रहा था।
See Pics: तस्वीरों में देखिए कैसे घटा शिप्रा मलिक केस
