20 नवंबर को CM पद की शपथ लेंगे नीतीश, 15वीं विधानसभा भंग करने की मिली मंजूरी
बिहार विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश के बाद शनिवार को नई सरकार के गठन को लेकर महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल रामनाथ कोविन्द से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

बिहार विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश के बाद शनिवार को नई सरकार के गठन को लेकर महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल रामनाथ कोविन्द से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद राज्यपाल ने नीतीश कुमार को सरकार बनाने का न्योता दिया। नीतीश कुमार 20 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
राजभवन से निकलने के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि राज्यपाल को विधायकों का समर्थन का पत्र सौंप दिया गया है। राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को अपराह्न दो बजे पटना के गांधी मैदान में वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. मंत्रिमंडल में महागठबंधन में शामिल तीनों दलों के विधायक शामिल होंगे। उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘बिहार विकास के रास्ते पर आगे चल चुका है और कानून का राज स्थापित रहेगा।’
उन्होंने कहा, ‘बिहार की जनता ने निर्णायक और काम करने के लिए बहुमत दिया है। यह मेंडेट काम के लिए है और काम को आगे बढ़ाया जाएगा। समाज के हर तबके के विकास के लिए काम किया जाएगा।’
इसके पहले महागठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में नीतीश कुमार को महागठबंधन विधायक दल का नेता चुन लिया गया। पटना में जनता दल (युनाइटेड), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नव निर्वाचित विधायकों ने एक संयुक्त बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से महागठबंधन विधायक दल का नेता चुना।
महागठबंधन विधायक दल की बैठक के बाद जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बताया कि महागठबंधन विधायक दल की बैठक में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा तथा कांग्रेस के महासचिव सी़ पी़ जोशी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
इसके पूर्व जद (यू) विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को जद (यू) विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक के बाद जद (यू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने बताया कि जद (यू) विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को एक बार फिर नेता चुना लिया गया। उन्होंने बताया कि बैठक में नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव जद (यू) के वरिष्ठ नेता बिजेन्द्र यादव ने रखा जिसका समर्थन श्याम रजक ने किया।
जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से जद (यू) विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया और 15वीं विधानसभा भंग करने की अनुशंसा की।
राज्यपाल कोविंद से मुलाकात के बाद नीतीश ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्यपाल से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया और 15वीं विधानसभा भंग करने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले से अवगत कराया। राज्यपाल ने उन्हें राज्य में नई सरकार बनने तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को कहा है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें राज्यपाल से 15वीं विधानसभा को भंग करने की अनुशंसा से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। जद (यू) नेताओं के अनुसार, 20 नवंबर को 36 सदस्यीय मंत्रिपरिषद के सदस्य भी शपथ लेंगे। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
उल्लेखनीय है कि 243 सदस्यीय राज्य विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 80 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि जद (यू) ने 71 सीटों पर जीत दर्ज की है और कांग्रेस के खाते में 27 सीटें आई हैं। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में 16 मंत्री लालू प्रसाद के राजद से, 15 मंत्री जद (यू) से और पांच मंत्री कांग्रेस से होंगे।