पीएनबी घोटाले को मोदी सरकार ने बताया यूपीए के कार्यकाल का नतीजा, पूछा- सालों तक कहां सो रही थी कांग्रेस
दूसरी तरफ, कांग्रेस ने नीरव मोदी द्वारा करीब 11,400 करोड़ की चपत लगाकर देश से भाग निकलने को 'सबसे बड़ा बैंक लूट' घोटाला करार दिया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि यह सब पीएमओ की नाक के ठीक नीचे हुआ।

पीएनबी घोटाले को लेकर देश में हाहाकार मचा हुआ है। इस बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पीएनबी घोटाला पिछली यूपीए सरकार की देन है। सीतारमण ने शिलांग में गुरुवार को कहा, “पीएनबी घोटाले को लेकर जो कुछ भी बाहर आ रहा है वह पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल का नतीजा है। इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने अरबपति आभूषण कारोबारी नीरव मोदी द्वारा करीब 11,400 करोड़ की चपत लगाकर देश से भाग निकलने को ‘सबसे बड़ा बैंक लूट’ घोटाला करार दिया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि यह सब पीएमओ की नाक के ठीक नीचे हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पिछले साढ़े तीन साल में कोई भ्रष्टाचार नहीं होने के दावे की हवा निकालने के लिए कांग्रेस ने इस मामले को तेजी से लपक लिया है। कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया कि आखिर वे कौन लोग हैं जो इस मामले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को बचा रहे हैं? कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि हरि प्रसाद नामक एक व्यक्ति ने 26 जुलाई 2016 को एक लिखित शिकायत के जरिए इस मामले से प्रधानमंत्री को अवगत कराया था और प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस तरह की शिकायत मिलने की बात को स्वीकार भी किया था।
उन्होंने कहा कि पीएमओ को शिकायत मिलने के बाद भी वित्त मंत्रालय, उसकी वित्तीय खुफिया इकाई तथा अन्य एजेंसियां इस मामले में आंखें मूंदे क्यों बैठे रहीं। सुरजेवाला ने दावा कि इस घोटाले से जुड़े मामलों में 42 प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी थी जिनकी जानकारी पीएमओ में की गई शिकायत में दी गई थी। उन्होंने कहा कि पीएमओ को मामले की जानकारी होने के बावजूद पीएनबी द्वारा नौ से 14 फरवरी 2017 के बीच आरोपियों को करोड़ों रुपए मूल्य के शपथपत्र कैसे जारी किए गए? सरकारी स्वामित्व वाले पंजाब नेशनल बैंक ने बुधवार को कहा कि उसने 1.77 अरब डॉलर (तकरीबन 11400 करोड़ रुपए) के घोटाले का पता लगाया है। इसके तहत नीरव मोदी ने मुंबई में बैंक की एक शाखा से कथित तौर पर फर्जी शपथ पत्र हासिल किए ताकि अन्य भारतीय ऋणदाताओं से विदेशी ऋण हासिल कर सके।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। Online game में रुचि है तो यहां क्लिक कर सकते हैं।