प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि उसने यूनाइटेड किंगडम में पूर्वी मोदी के एक खाते से 17.25 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। इस खाते को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने खोला था। नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी, जो उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सरकारी गवाह बन गई है, ने ईडी को खाते के बारे में सूचित किया। ईडी ने एक बयान में कहा कि पैसा पूर्वी का नहीं था और खाते का संचालन नीरव मोदी कर रहा था।
बयान में कहा गया, ‘‘चूंकि पूर्वी मोदी को पूरा और सही खुलासा करने की शर्तों पर माफी की अनुमति दी गई थी, इसलिए उन्होंने ब्रिटेन के बैंक खाते से 23,16,889.03 अमरीकी डॉलर की राशि भारत सरकार, प्रवर्तन निदेशालय के बैंक खाते में भेज दी है। बयान के मुताबिक पूर्वी मोदी के इस सहयोग से प्रवर्तन निदेशालय करीब 17.25 करोड़ रुपये (23,16,889.03 अमरीकी डॉलर) वापस हासिल कर सका है।”
मालूम हो कि मोदी और उनके चाचा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए करीब 13,600 करोड़ रुपये का लेन-देन करने का आरोप है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दोनों की जांच की जा रही है। पीएनबी घोटाला सार्वजनिक होने से पहले जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में मोदी ने भारत छोड़ दिया था। मार्च 2019 में, मोदी को यूके में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।
प्रवर्तन निदेशालय अब तक भारत और विदेशों में मोदी की 2,400 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका है। इस हफ्ते की शुरुआत में, मोदी ने सुनवाई के लिए ब्रिटेन के उच्च न्यायालय का रुख किया था। मोदी ने निचली अदालत द्वारा आदेशित प्रत्यर्पण को चुनौती दी है।
इससे पहले अप्रैल में, यूके सरकार ने ब्रिटेन की एक अदालत के फरवरी के आदेश के बाद मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। यूके सरकार ने माना कि मोदी के खिलाफ सबूत काफी हैं और उसका भारत को प्रत्यर्पण किया जा सकता है। ब्रिटेन के एक उच्च न्यायालय ने पहले ही भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी अर्जी खारिज कर दी थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ब्रिटेन के उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की मोदी की अनुमति “कागज पर खारिज कर दी गई।”