नीरव मोदी की बहन पर कसा ईडी का शिकंजा, तो बताया स्विस बैंक में दो अकाउंट, न्यूयॉर्क-लंदन में प्रॉपर्टी
पिछले महीने ही नीरव की बहन पूर्वी मेहता और उनके पति मयंक मेहता ने कोर्ट के सामने एक आवेदन दाखिल किया था, अब मनी लांड्रिंग निरोधक कानून से संबद्ध अदालत ने उनकी याचिका मंजूर कर ली है।

भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की बहन और बहनोई 14 हजार करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में सरकारी गवाह बन गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि दोनों 579 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने में मदद करेंगे। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में धन शोधन (मनी लांड्रिंग) मामले में ईडी फिलहाल लंदन की जेल में बंद नीरव मोदी, उसके रिश्तेदार मेहुल चोकसी और अन्य के खिलाफ जांच कर रहा है।
हीरा कारोबारी की छोटी बहन पूर्वी मोदी (47) बेल्जयिम की नागरिक हैं, जबकि उनके पति मयंक मेहता ब्रिटिश नागरिक हैं। उन्हें विदेश में स्थित बताया गया है और वह कभी जांच में शामिल नहीं हुए। पूर्वी मोदी कथित रूप से आपराधिक बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं और उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है। इस मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के साथ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कई आरोपपत्र दाखिल किये हैं।
ईडी ने पूर्व में स्विस बैंक में जमा समेत उनकी संपत्ति को जब्त किया था। उन्होंने अदालत को सूचित किया था कि जब्त की इन संपत्तियों में उनका कोई हित नहीं है। जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘‘नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी और उनके पति मयंक मेहता सरकारी गवाह बन गए हैं। वे नीरव मोदी बैंक धोखाधड़ी मामले में न्यूयॉर्क 220 करोड़ रुपए कीमत के दो फ्लैट्स और लंदन के 62 करोड़ रुपए के कीमत के एक फ्लैट को जब्त करने में मदद करेंगे। इसके अलावा वे मुंबई के 19.5 करोड़ रुपए कीमत के फ्लैट, स्विस बैंक खातों में जमा 270 करोड़ रुपए की राशि और मुंबई में बैंक खाते में जमा 1.92 करोड़ रुपए भी सरेंडर करेंगे। यानी दोनों कुल 579 करोड़ रुपये जब्त करने में मदद करेंगे।’’
पिछले महीने ही नीरव की बहन पूर्वी मेहता और उनके पति मयंक मेहता ने कोर्ट के सामने एक आवेदन दाखिल किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि वे खुद को नीरव मोदी से दूर रखना चाहते हैं और उससे और उसकी सौदेबाजी से जुड़ी कुछ अहम और ठोस सबूत दे सकते हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) से संबद्ध विशेष अदालत ने दोनों के मामले में सरकारी गवाह बनने की याचिका को मंजूरी कर लिया था।
दोनों की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि नीरव मोदी की कथित आपराधिक गतिविधियों की वजह से उनकी निजी और पेशेवर जिंदगी में ठहराव आ गया है। उन्होंने कहा है कि वे ईडी की तरफ से दायर मनी लॉन्ड्रिंग के दो केसों में गवाह बनना चाहते हैं और कुछ ऐसे खुलासे कर सकते हैं, जो कि नीरव मोदी और बाकी आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में अहम साबित हो सकते हैं।
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