एनआइए समन पर किसान नेताओं ने जताई नाराजगी
दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) ने किसान आंदोलन से जुड़े लोगों के खिलाफ मामले दायर कर परेशान करना शुरू कर दिया है।

एनआइए ने किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा और पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू को रविवार को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से संबंधित एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया।
एनआइए ने न्यायिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 160 के तहत सिख फॉर जस्टिस से संबंधित मामले में गवाह के रूप में पूछताछ के लिए लगभग 40 लोगों को समन भेजा है। इन सभी को 17 से 19 जनवरी के बीच की तारीखें दी गई हैं। इनके अलावा 60 लोगों को समन भेजा गया है, जिन्हें 19 से 21 जनवरी के बीच तलब किया गया है।
समन किए गए लोगों में किसान नेताओं के अलावा धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रमुखों के साथ-साथ कलाकार, ट्रांसपोर्टर, आढ़तिए, पेट्रोल पंप संचालक, जत्थेदार व अन्य कई शामिल हैं।
समन 15 जनवरी को जारी किए गए हैं। किसान नेता और क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल सिंह ने कहा कि समन पाने वालों में वे लोग भी हैं, जिन्होंने जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को आर्थिक मदद दी। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ हुई पिछली बैठक में एनआइए के मामलों का मुद्दा उठाया गया था, जिसपर उन्होंने कहा कि वे देखेंगे।
भारतीय किसान यूनियन डकौंदा के बूटा सिंह बुर्जगिल का दावा है कि नोटिस पाने वालों में कई जत्थेदार भी शामिल हैं। दर्शन पाल सिंह ने कहा कि आनन-फानन में रविवार को एनआइए ने पूछताछ के लिए तलब किया, ताकि इसे सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में आधार बनाया जा सके।
इसी आधार पर सरकार सुप्रीम कोर्ट में खालिस्तान की घुसपैठ का हलफनामा दाखिल कर सकती है। किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने वाले लोगों को एनआइए के नोटिस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘जो लोग आंदोलन का हिस्सा बनना चाहते हैं, उन्हें अदालती मामलों, जेल और संपत्ति की जब्ती के लिए तैयार रहना चाहिए।’
तलब किए जाने वाले कुछ प्रमुख नाम
किसान नेता व लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी के प्रधान बलदेव सिंह सिरसा व उनके बेटे मेहताब सिंह सिरसा, भाकियू (कादिया) के नेता हरमीत सिंह कादिया, सिख यूथ फेडरेशन भिंडरावाला के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भाई रणजीत सिंह दमदमी टकसाल, कलाकार दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिद्धू, नोहजीत सिंह बुलोवाल, प्रदीप सिंह लुधियाना, परमजीत सिंह अकाली, पलविंदर सिंह अमरकोट, गुरमत प्रचार सेवा के सुरिंदर सिंह ठिकरीवाला, बंदी सिंह रिहाई मोर्चा के नेता मोजंग सिंह लुधियाना आदि।