NIA ने बताया- आतंकी संगठन आईएस से जुड़े होने के केवल 20% आरोपियों ने की है मदरसों में पढ़ाई
एनआईए के अनुसार आईएस से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 50 प्रतिशत अहले-हदीस को मानने वाले हैं। 30 प्रतिशत गिरफ्तार आरोपी तबलीगी जमात के और 20 प्रतिशत देवबंदी हैं।

भारतीय की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के अनुसार आंतकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े होने के संदेह में गिरफ्तार किए 80 प्रतिशत आरोपियों ने सामान्य स्कूलों में पढ़ाई की है। वहीं केवल 20 प्रतिशत आरोपियों ने किसी मदरसे से पढ़ाई की है। एनआईए के अनुसार आईएस से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 50 प्रतिशत इस्लाम के अहले-हदीस फिरके को मानने वाले हैं। 30 प्रतिशत गिरफ्तार आरोपी तबलीगी जमात के और 20 प्रतिशत देवबंदी हैं। एनआईए द्वारा आईएस से जुड़े होने के शक में गिरफ्तार किए आरोपियों में कोई भी बरेलवी फिरके से नहीं है। साल 2009 में गठित एनआईए आंतकवाद से जुड़े मामलों की जांच करती है।
एनआईए ने साल 2016 में 112 लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें से 66 जिहादी आतंकवाद से जुड़े मामलों में गिरफ्तार किए गए हैं। एनआईए ने साल 2016 में कुल 34 मामले दर्ज किए। एनआईए के गठन के बाद किसी भी साल एजेंसी द्वारा दर्ज किए जाने वालों मामलों की ये सर्वाधिक संख्या है। भारत सरकार ने इस्लामिक स्टेट से जुड़े 12 मामलों की जांच एनआईए को सौंपी है। इन मामलों में 52 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं 35 आरोपी अभी तक फरार हैं और एनआईए को उनकी तलाश है।
एनआईए ने अब तक छह मामलों में चार्जशीट (आरोपपत्र) और पूरक चार्जशीट दायर कर दिया है। आठ मामलों की अभी जांच की जा रही है। एनआईए के अनुसार इस्लामी धर्मगुरु जाकिर नाइक से जुड़े 78 बैंक खाते एजेंसी की निगरानी में हैं। जाकिर नाइक के ये सभी बैंक खाते भारतीय बैंकों में स्थित हैं। एनआईए के अनुसार जाकिर नाइक ने रियल एस्टेट सेक्टर में करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है।
एनआईए के अनुसार कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दो बैंक खातों की भी एजेंसी जांच कर रही है। एनआईए के सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि एजेंसी की प्राथमिक जांच के अनुसार नगरोटा आतंकवादी हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था। वहीं उरी और हंदवारा आतंकवादी हमले पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने कराए थे।
एनआईए द्वारा बताए आंकड़ों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद साक्षी महाराज द्वारा साल 2014 में मदरसों को आतकंवाद का केंद्र बताए जाने के दावे को खारिज करते हैं। साक्षी महाराज ने तब कहा था कि भारत के सभी मदरसे “आतंकवाद” और “लव जिहाद” को बढ़ावा दे रहे हैं। साक्षी महाराज उत्तर प्रदेश के उन्नाव से लोक सभा सांसद हैं।
80% IS accused arrested by NIA had formal schooling. Only 20% ever went to a madrasa: NIA @IndianExpress
— Deeptiman Tiwary (@DeeptimanTY) January 19, 2017
50% of arrested IS accused followed Ahle Hadis, 30% Tablighi Jamaat, 20% Deobandi, none Barelvi: NIA @IndianExpress
— Deeptiman Tiwary (@DeeptimanTY) January 19, 2017
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