प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। कांग्रेस सहित देश के 20 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इन दलों द्वारा जारी किए गए ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया है कि जब लोकतंत्र की आत्मा को संसद से चूस लिया गया है तो हमें नई इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता। वहीं, पीएम मोदी द्वारा किए जाने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में कम से कम 25 दलों के शामिल होने की उम्मीद है।
ये 25 दल होंगे उद्घाटन समारोह में शामिल
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के 18 सदस्यों के अलावा, भाजपा सहित, सात गैर-एनडीए दल इस समारोह में शामिल होंगे। बसपा, शिरोमणि अकाली दल, जनता दल (सेक्युलर), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), वाईएसआर कांग्रेस, BJD और टीडीपी सात गैर-एनडीए दल हैं जिनके इस कार्यक्रम में उपस्थित होने की उम्मीद है। ऐसे में लोकसभा में 50 सांसदों वाली इन सात पार्टियों की मौजूदगी बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के लिए बड़ी राहत होगी। उनकी भागीदारी से एनडीए को विपक्ष के इस आरोप को खारिज करने में मदद मिलेगी कि यह एक पार्टी विशेष का कार्यक्रम है।
भाजपा के अलावा, एनडीए के 18 सदस्यों में शिवसेना, नेशनल पीपुल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जननायक जनता पार्टी, AIDMK, IMKMK, AJSU, RPI, मिजो नेशनल फ्रंट, तमिल मनीला कांग्रेस, ITFT (त्रिपुरा), शामिल हैं। बोडो पीपुल्स पार्टी, पट्टाली मक्कल कच्ची, एमजीपी, अपना दल और एजीपी, गठबंधन के नेताओं ने कहा।
इन दलों ने किया नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार
संसद के उद्घाटन सत्र का बहिष्कार का ऐलान करने वालों में कांग्रेस, TMC, DMK, आम आदमी पार्टी, उद्धव गुट, समाजवादी पार्टी, सीपीआई, JMM, केरल कांग्रेस (मणि), VCK, RLD, जेडीयू, सीपीआई (एम), राजद, IUML, नेशनल कॉन्फ्रेंस, RSP और MDMK शामिल हैं।
इन दलों ने इस फैसले का भी विरोध किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भवन का उद्घाटन करेंगे। उनका कहना है कि यह भारत के राष्ट्रपति के सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय का अपमान है। वहीं, दूसरी ओर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करते हैं, तो उनकी पार्टी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी।