JEE, NEET: विपक्ष के समान सुर बोलने वाले बीजेपी सांसद बोले- छात्र द्रौपदी बन गए, मैं विदुर, कृष्ण बनें मुख्यमंत्री
अपने ताजा ट्वीट में सुब्रमण्यन स्वामी ने लिखा है कि 'NEET JEE के मामले में आज छात्र-छात्राएं द्रौपदी की तरह अपमानित हैं? मुख्यमंत्री कृष्ण की भूमिका में हैं।'

NEET JEE परीक्षा के मौजूदा शेड्यूल का विरोध कर रहे कई नेताओं में भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी भी शामिल हैं। इस मुद्दे पर वह लगातार ट्वीट कर रहे हैं और सरकार से एग्जाम स्थगित कर कुछ समय बाद कराने की अपील कर रहे हैं। अपने ताजा ट्वीट में सुब्रमण्यन स्वामी ने लिखा है कि “NEET JEE के मामले में आज छात्र-छात्राएं द्रौपदी की तरह अपमानित हैं? मुख्यमंत्री कृष्ण की भूमिका में हैं। अपने पूरे छात्र जीवन और फिर 60 साल तक प्रोफेसर रहने के बाद मैं कह सकता हूं कि शेड्यूल में कुछ गलत है। मुझे लग रहा है कि मैं विदुर हूं।”
नीट/जेईई परीक्षा के मुद्दे पर किए गए अपने एक अन्य ट्वीट में स्वामी ने कहा है कि ‘क्या मुख्यमंत्री छात्रों को अपने राज्य में स्थित परीक्षा केन्द्रों तक जाने और फिर वहां से सुरक्षित अपने घर जाने की गारंटी देंगे? यदि वह ये नहीं कर सकते हैं तो फिर उन्हें सार्वजनिक रूप से पीएम के लिए यह घोषणा करनी चाहिए कि वह एग्जाम ना कराएं।’
बता दें कि कोरोना माहमारी के समय में नीट जेईई एग्जाम कराने के सरकार के फैसले का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। देशभर में इसके खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। यहां तक कि विपक्षी राजनैतिक पार्टियां भी सरकार के इस फैसले के खिलाफ लामबंद हो रही हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गैर बीजेपी शासित राज्यों के सीएम की संयुक्त बैठक बुलायी थी।
इस बैठक में सोनिया गांधी और ममता बनर्जी के अलावा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पुडुचेरी के सीएम नारायणसामी आदि नेता शामिल हुए। देश में कई जगह छात्र संगठन भी परीक्षा के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं।
हालांकि तय समय पर NEET JEE की परीक्षा कराने का समर्थन करने वाले भी कम नहीं हैं। हाल ही में देश के 150 शिक्षाविदों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर नीट और जेईई की परीक्षा तय समय पर ही कराने की अपील की है। इन शिक्षाविदों का कहना है कि यदि परीक्षा टाली जाती है इससे छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा। इन शिक्षाविदों ने आरोप लगाया कि कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं।
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