राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने साफ कर दिया है कि वो गैर बीजेपी मोर्चे या यूपीए की अगुवाई नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वो विपक्ष की मदद करते रहेंगे।
शरद पवार ने बीजेपी के खिलाफ नेतृत्व करने को लेकर कहा- “हाल ही में, हमारी पार्टी के कुछ युवा कार्यकर्ताओं ने एक प्रस्ताव पारित कर मुझे यूपीए का अध्यक्ष बनने के लिए कहा। लेकिन मुझे उस पद में जरा भी दिलचस्पी नहीं है। मैं इसमें नहीं पड़ने वाला। मैं वह जिम्मेदारी नहीं लूंगा”। इसके साथ ही शरद पवार ने यह भी साफ कर दिया कि अगर भाजपा के खिलाफ कोई विकल्प देने की कोशिश की जाती है, तो वो उसे सहयोग, समर्थन और मजबूत करने के लिए तैयार हैं। लेकिन अगुवाई नहीं करेंगे।
बीजेपी के खिलाफ मोर्चे को लेकर पवार ने कहा कि कांग्रेस बेशक अभी सत्ता में न हो लेकिन उसकी देशभर में मौजूदगी है। उन्होंने कहा- “आप हर गांव, जिले और राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ता पाएंगे। सच्चाई यह है कि विकल्प पेश करते हुए कांग्रेस को शामिल करना जरूरी है।”
इसके साथ ही बीजेपी पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा कि एक ही पार्टी का देश पर शासन नहीं होना चाहिए। इससे तानाशाही पैदा होती है। देश का हाल रूस जैसा हो जाएगा। हम नहीं चाहते कि भारत के पास वैसा ही पुतिन हो।
शरद पवार ने आगे कहा कि आज की तारीख में देश में महंगाई एक प्रमुख मुद्दा है। मोदी सरकार के शासन में हर दिन तेल के दाम बढ़ रहे हैं। इससे आम लोगों पर काफी असर पड़ रहा है। इसके कारण चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। साथ ही परिवहन की लागत बढ़ाने में भी यह योगदान दे रहा है।
बता दें कि शिवसेना नेता संजय राउत के समर्थन के बाद से शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाने की मांग पिछले कुछ समय से बढ़ रही है। बताया जाता है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शरद पवार के साथ एक बैठक में उन्हें यूपीए का नेतृत्व करने के लिए आगे आने के लिए कहा था।