कृषि कानूनः किसान उपजाए, अंबानी-अडानी कमाई खाए- सिद्धू का ट्वीट, लोग करने लगे ऐसे कमेंट्स
पंजाब और हरियाणा के किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इस बीच पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने उनके समर्थन में ट्वीट किया है।

कृषि कानून के विरोध में पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा से किसान दिल्ली की तरफ कूच कर गए हैं। उन्हें सुरक्षाबलों ने राजधानी की सीमा पर रोका है। किसानों के इस रोष को राजनीतिक दल भी भुना लेना चाहते हैं। इसी गहमा-गहमी के बीच पंजाब के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कॉमेंट आने लगे। सिद्धू ने लिखा, ‘काले कानून ज़ुल्मो सितम ढाये, किसान उपजाए, अंबानी-अडानी कमाई खाए।’
एक यूजर सांभव शांडिल्य ने लिखा, ‘क्या किसान केवल हरियाणा और पंजाब में हैं? वे ऐसे किसान हैं जो सबसे ज्यादा पैसा बनाते हैं। जब बिहार के किसान मान जाते हैं लेकिन पंजाब के किसान प्रोटेस्ट करत हैं तो पता लग जाता है कि प्रदर्शन अमीर के खिलाफ है या गरीब के खिलाफ।’ दूसरे यूजर ने सिद्धू से ही पूछ लिया कि यह तो बताइए, आखिर कानून क्या बनाया गया है।
सिद्धू के समर्थन में ललित नेगी नाम के यूजर ने कॉमेंट किया। उन्होंने लिखा, ‘किसान अगर उगाना जानता है तो काटना भी जानता है चाहे वो, “कमल का फूल ही क्यो न हो “‘ एक और यूजर ने लिखा, ‘सब भाजपा को वोट देंगे आप देख लेना। एक बार हिन्दू मुस्लिम करने की देर है।’
काले कानून ज़ुल्मो सितम ढाये,
किसान उपजाए, अंबानी-अडानी कमाई खाए|— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) November 27, 2020
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद सिंह ने भी कहा कि किसानों की आवाज अनिश्चितकाल के लिए नहीं दबाई जा सकती इसलिए केंद्र सरकार को बातचीत शुरू कर देनी चाहिए जिससे कि तनावपूर्ण स्थिति को कंट्रोल किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार को निश्चित एमएसपी की मांग को मान लेना चाहिए। 3 दिसंबर तक इंतजार क्यों किया जा रहा है?
क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है। हालांकि दो दिन पहले ही दोनों की मुलाकात की खबरें आई थीं। वे दोनें लंच पर मिले थे लेकिन बाद में अमरिंद सिंह ने कहा कि वह लंच पर आए थे लेकिन उनसे क्रिकेट के बारे में बातें हुईं। उन्होंने कहा, ‘वह हमसे मिलना चाहते थे तो लंच पर आमंत्रित कर लिया। वहां ढेर सारी बातें हुईं लेकिन तिल का ताड़ बनाने की जरूरत नहीं है।’
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