दिल्ली सरकार को उपचार के लिए सस्ता इलाज व उपकरण उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए केंद्र सरकार की संसदीय समिति ने इलाज व उपकरण सस्ता बनाने के लिए राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) को सिफारिश की है। समिति ने एनपीपीए को कहा है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए।
संसद की रसायन और उर्वरक संबंधित स्थायी समिति के प्रतिवेदन में सिफारिश
इस पहल से अनुसूचित दवा मूल्य विनियामन के तहत आएगी। मामले में समिति ने केंद्र सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी समिति के समक्ष पेश करने के आदेश दिए है। ये दिशा निर्देश संसद की रसायन और उर्वरक संबंधित स्थायी समिति (औषध विभाग) ने अपने बयालीसवें प्रतिवेदन में दिए हैं।
शशि थरूर के नेतृत्व वाली समिति में लोकसभा के 21, राज्यसभा के 9 सदस्य हैं
समिति के सभापति कांग्रेस नेता शशि थरूर हैं और इनके अतिरिक्त समिति सभापति समेत 21 लोकसभा और नौ राज्यसभा के सदस्य हैं। हाल ही में लोकसभा में इस समिति ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। समिति ने केंद्र सरकार को कहा है कि गैर अनुसूचित औषधियों के मूल्यों को विनियमित करने के लिए औषध विभाग के पास कितने प्रस्ताव विचाराधीन है। इस संबंध की प्रगति रिपोर्ट भी समिति के समक्ष पेश की जाए।
समिति के मुताबिक 1997 में एनपीपीए के गठन के बाद केवल अनुसूचित औषध श्रेणी में केवल बीस फीसद औषध को ही विनियमित करने में समर्थ रहा है जबकि अस्सी फीसद गैर अधिसूचित औषधियां अभी भी दस फीसद सालाना मूल्यसीमा से कम है।
एनपीपीए (NPPA) ने इसी दृष्टिकोण के तहत आक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator), पल्स आक्सीमीटर (Pulse Oximeter), ब्लड प्रेशर मानिटरिंग मशीन (Blood Pressure Monitoring Machine), नेब्युलाइजर (Nebulizer), डिजिटल थर्मामीटर (Digital Thermometer) और ग्लूकोमीटर (Glucometer) के लिए फरवरी 2019 में और बाद में जुलाई 2021 में ट्रेड मार्जिन रेशनलाइजेशन (Trade Margin Rationalization) के तहत 42 कैंसर रोधी दवाओं (Anti-Cancer Drugs) के गैर अधिसूचित फार्मूलेशन (Non-Notified Formulations) के व्यापार मार्जिन (Trade Margins) की सीमा तय कर दी है।