49 साल पुराने सीमा विवाद को लेकर उत्तर पूर्वी भारत के दो सूबे आपस में फिलहाल तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। इसी बीच, गुरुवार (29 जुलाई, 2021) को असम में मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने यात्रा परामर्श (ट्रैवल एडवाइजरी) जारी किया।
असम की इस एडवाइजरी के अनुसार, सूबे के लोगों से अशांत परिस्थितियों के मद्देनजर मिजोरम की यात्रा से बचने और वहां काम करने वाले और रहने वाले राज्य के लोगों से ‘अत्यंत सावधानी बरतने’ के लिए कहा गया है। असम गृह सचिव एमएस मणिवन्नन की ओर से जारी एडवाइजरी में बताया गया, ‘‘मौजूदा हालात देखते हुए, असमवासियों को सलाह है कि वे मिजोरम यात्रा न करें, क्योंकि यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि असम के लोगों के लिए कोई भी खतरा पैदा हो।’’
परामर्श में इस बात का भी जिक्र है कि असम और मिजोरम के सीमावर्ती इलाके में हिंसक झड़प की कई घटनाएं हुईं। वहीं, असम सरकार द्वारा जारी एक अलग आदेश में कामरूप मेट्रो और कछार के पुलिस उपायुक्तों, गुवाहाटी पुलिस आयुक्त और कछार पुलिस अधीक्षक को राज्य में मिजोरम के सभी लोगों और गुवाहाटी व सिचलर में मिजोरम हाउसेस में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा गया है।
देश में किसी भी राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया इस तरह का यह शायद पहला परामर्श है। इस बाबत डिजिटल मीडिया प्लैटफॉर्म “दि प्रिंट” के संस्थापक और वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने एडवाइजरी की प्रति ट्वीट करते हुए लिखा, “भारत के दो राज्यों के बीच यह इस तरह की पहली ‘ट्रैवल एडवाइजरी’ होनी चाहिए। विशेष रूप से यह पहली बार शर्मनाक भी है। केंद्र को इस मसले में हस्तक्षेप करना चाहिए और इस राष्ट्रीय शर्मिंदगी को वापस लेने का आदेश दे देना चाहिए।”
उधर, हिंदी न्यूज चैनल एनडीटीवी से जुड़े सीनियर पत्रकार रवीश कुमार फेसबुक पोस्ट के जरिए इस विषय पर हैरानी जताते हुए बोले, “यह भी होने लगा है। असम अपने नागरिकों से कह रहा है कि वे मिज़ोरम न जाएं और जो किसी काम से गए हैं, सतर्कता बरतें। यह शर्मनाक भी है और ख़तरनाक भी। अभी तक इस तरह की हिदायतें एक देश दूसरे देश के लिए जारी करता था, लेकिन मेरी नज़र में यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि भारत के भीतर एक राज्य दूसरे राज्य के प्रति यात्रा हिदायतें जारी कर रहा है। मोदी और शाह को असम आकर मिज़ोरम जाना हो तो लगता है अब हिमांता बिस्वा शर्मा से इजाज़त लेनी होगी?”
क्या है पूरा मामला?: पारंपरिक सीमाओं की स्थानीय लोगों की धारणा के खिलाफ खींची गई मानचित्रकारों की रेखाएं असम और आजादी के बाद उससे अलग हुए राज्यों के बीच सीमा विवादों की मुख्य जड़ है। इसी तरह की एक रेखा ने एक जंगल को असम और मिजोरम पुलिस व नागरिकों के बीच सोमवार को हिंसक झड़प के क्षेत्र में बदल दिया। 1947 में भारत की आजादी के बाद त्रिपुरा और मणिपुर को छोड़कर लगभग सभी पूर्वोत्तर राज्य असम से अलग हो कर बनाए गए थे। वैसे, सीमा विवाद को लेकर सबसे बड़ी झड़प 1985 में हुई जब सशस्त्र नगाओं और असम पुलिस के बीच गोलीबारी में 40 से अधिक लोगों की जान चली गयी थी। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)