बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में संस्कृत विभाग में नियुक्ति पर उपजे विवाद के बाद आखिरकार प्रोफेसर फिरोज खान ने इस्तीफा दे दिया है। फिरोज खान को संस्कृत विद्या धर्म का प्रोफेसर बनाए जाने के खिलाफ यहां छात्रों ने करीब एक महीने से आंदोलन छेड़ रखा था। फिरोज खान ने अब प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है और वो अब इसी विश्वविद्यालय के ही फैकल्टी बने रहेंगे।

बीएचयू प्रबंधन ने फिरोज खान के ट्रांसफर की पुष्टि कर दी है। प्रबंधन ने यह भी बताया है कि फिरोज खान अब संस्कृत विषय के बजाए आर्ट्स फैकल्टी में संस्कृत के प्रोफेसर होंगे। प्रोफेसर फिरोज खान का इस्तीफा मंजूर करने वाले प्रोफेसर कौशलेंद्र पांडे ने ‘NDTV’ से बातचीत करते हुए बताया कि ‘प्रोफेसर खान ने यहां से इस्तीफा दे दिया है।

इस्तीफे के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय के दूसरे अन्य विभाग में पढ़ाने में दिलचस्पी जताई है…फिरोज खान ने बीते सोमवार (09-12-2019) को इस्तीफा दिया है। वो आर्ट्स फैकल्टी में संस्कृत के प्रोफेसर के तौर पर ज्वायन करेंगे…एक शिक्षक होने के नाते मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि यह अच्छा है कि उन्हें दूसरा मौका भी मिल गया।’

संस्कृत के प्रोफेसर पद से इस्तीफा देने के बाद विश्वविद्यालय के एक छात्र ने कहा कि ‘प्रोफेसर खान से कहना चाहता हूं कि हमें कोई निजी वैमनस्य नहीं है….हमारी तरफ से उन्हें शुभकामनाएं।’

प्रोफेसर फिरोज खान संस्कृत विद्या धर्म के फैकल्टी के तौर पर 5 नवंबर को नियुक्त हुए थे। लेकिन नियुक्ति के बाद से छात्रों के लगातार विरोध की वजह से वो विश्वविद्यालय में पढ़ा नहीं पा रहे थे। हालांकि बीएचयू प्रशासन के कुछ सदस्य और छात्र उनकी नियुक्ति के पक्ष में भी थे।

जिस पैनल ने संस्कृत के फैकल्टी के पद पर उनकी नियुक्ति की थी उसमें इस विषय के मशहूर स्कॉलर राधावल्लभ त्रिपाठी भी शामिल थे। राधावल्लभ कई बार कह चुके हैं कि संस्कृत के फैकल्टी के तौर पर प्रोफेसर फिरोज बिल्कुल सही और शिक्षित उम्मीदवार थे।

आपको बता दें कि प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध कर रहे छात्रों ने बीते सोमवार को संस्कृत के एक और स्कॉलर पर हमला कर दिया था। दरअसल इन्होंने फिरोज खान का सपोर्ट किया था और इसी वजह से छात्र उनसे नाराज थे। बहरहाल अब प्रोफेसर खान के इस्तीफे के बाद ऐसा लग रहा है कि बीएचयू प्रशासन और छात्रों के बीच चल रहा यह विवाद अब पूरी तरह खत्म हो जाएगा।