अक्सर विवादों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी, उनके सांसद भाई अफजल अंसारी और पांच अन्य आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत ने 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में बुधवार (3 जुलाई 2019) को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। मुख्तारी अंसारी पर करीब 50 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह 2005 से जेल में बंद है।
यूपी की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट से तत्कालीन विधायक राय की हत्या 5 नवंबर को गाजीपुर में कर दी गई थी। वह एक क्रिकेट टूर्नमेंट का उद्घाटन करके वापस लौट रहे थे तभी उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी गई।
विधायक को कुल 21 गोलियां मारी गई थीं। यही नहीं इस हमले में राय समेत सात अन्य लोगों की मौत हुई थी। इस हत्यकांड में एके-47 बंदूक का इस्तेमाल किया गया था जिसके बाद सीबीआई ने गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी को मर्डर के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। इस केस में करीब 13 साल तक सुनवाई चली। जिसके बाद अब अंसारी को सबूतों की कमी का हवाला देते हुए बरी कर दिया गया है।
मालूम हो कि कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय द्वारा दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने 2013 में इस मामले में मुकदमा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया था। गैंगेस्टर से राजनेता बने उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक अंसारी के खिलाफ हत्या और अपहरण समेत कई अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। अंसारी मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट से बीजेपी के टिकट पर 1996 में अंसारी ने पहली जीत हासिल की थी।