किसान आंदोलन की आड़ में मनमाना किराया वसूल रहे ऑटो चालक
राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान लंबे समय से आंदोलनरत हैं। वहीं, किसान आंदोलन की आड़ लेकर आॅटो चालक और ई-रिक्शा चालक जमकर फायदा उठा रहे हैं।

निर्भय कुमार पांडेय
दो-तीन किलोमीटर की दूरी के लिए आॅटो चालक सवारियों ने मुह मांगा किराया वसूल रहे हैं। सिंघू बॉर्डर पर दिल्ली से हरियाणा आवाजाही के लिए अधिकतर सार्वजनिक वाहन बंद हैं। लोग निजी वाहनों की मदद से आसपास की गलियों से होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसका फायदा उठाकर आॅटो चालक सवारियों से मनमाफिक किराया वसूल रहे हैं।
सिंघू बॉर्डर से समयपुर बादली मेट्रो स्टेशन की दूरी महज कूछ किमी की है। पर चालक सवारियों से 80-150 रुपए तक किराए ले रहे हैं, जबकि समान्य दिनों में सवारी बसों से 10-15 रुपए में पहुंच जाते थे। राम कुमार ने बताया कि मार्ग बंद होने की वजह से इस रूट पर चलने वाली डीटीसी और क्लस्टर की बसों को पहले ही रोक दिया जाता है।
यह भी एक कारण है कि सवारियों को मजबूरन आॅटो का ही सहारा लेना पड़ रहा है, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। पहले बस के अलावा सवारी आॅटो भी चला करते थे, लेकिन आंदोलन की वजह से बंद है। वहीं, हरियाणा से दिल्ली और दिल्ली से हरियाणा के लिए रोडवेज बसों का सहरा लेते थे, लेकिन आंदोलन की वजह से रोडवेज की बसें दूसरे रास्तों से दिल्ली पहुंच रही हैं।
वहीं, अपने गांव जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे रमेश सिंह ने बताया कि किसान आंदोलन के बाद से अलीपुर, बवाना, सिंघू बॉर्डर, नरेला में रहने वाले लोगों को मेट्रो स्टेशन तक जाने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। पास का मेट्रो स्टेशन समयपुर बादली है। वहां से नई या फिर पुरानी दिल्ली के लिए ट्रेन मिलती है।