मोहम्मद कैफ ने लगाई इमरान खान की क्लास, कहा- हमें लेक्चर न दे पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारत अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर की गई टिप्पणी पर क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमें लेक्चर न दे।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बीते शनिवार को कहा था कि हम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार कैसे किया जाता है। इस टिप्पणी के बाद भारत के नेताओं सहित अन्य लोगों ने इमरान खान की क्लास लगानी शुरू कर दी। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद कैफ ने कहा कि पाकिस्तान हमें लेक्चर न दे। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “पाकिस्तान के विभाजन के समय वहां अल्पसंख्यकों की आबादी करीब 20 प्रतिशत थी, जो अब 2 प्रतिशत हो गई है। वहीं दूसरी ओर आजादी के बाद भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी में वृद्धि हुई है। पाकिस्तान वह आखिरी देश है, जिसे किसी भी देश के द्वारा यह सीख दिया जाना चाहिए कि अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह से बर्ताव किया जाता है।”
दरअसल, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री खान का यह बयान बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की भारत में भीड़ द्वारा की जाने हिंसा को लेकर टिप्पणी को लेकर जारी विवाद के बीच आया था। नसीरुद्दीन शाह भारत में भीड़ द्वारा पीट पीटकर मार डालने के मामलों को लेकर अपनी टिप्पणी के कारण विवादों में आ गए हैं। खान ने लाहौर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके उचित अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि यह देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का भी दृष्टिकोण था।
खान ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्वित करेगी कि अल्पसंख्यक सुरक्षित, संरक्षित महसूस करें और उन्हें ‘नये पाकिस्तान’ में समान अधिकार हों। उन्होंने शाह के बयान की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘हम मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं…भारत में लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के साथ समान नागरिकों की तरह व्यवहार नहीं हो रहा है।’’
इमरान खान टिप्पणी पर हमला बोलते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इमरान खान की टिप्पणी को ‘‘सौ चूहे खा के बिल्ली चली हज को’’ करार दिया। पाकिस्तान की कड़ी आलोचना करते हुए नकवी ने कहा, वर्ष 1947 में देश के अस्तित्व में आने के बाद से हिन्दू, सिखों और ईसाइयों जैसे अल्पसंख्यकों की आबादी में वहां करीब 90 प्रतिशत की गिरावट आई है क्योंकि इस्लामी कट्टरपंथियों ने सरकार के साथ मिलीभगत कर उन्हें निशाना बनाया है। पाकिस्तान में जहां अल्पसंख्यकों की हत्या की जाती है, लोगों को धर्म परिवर्तन करने को मजबूर किया जाता है या देश छोड़ने के लिए मजूबर किया जाता, वहीं भारत में वे विकसित हुए हैं और विकास में साझा हिस्सेदार हैं। पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की आबादी दो से तीन प्रतिशत ही है।”
गौारतलब है कि गत गुरुवार को एक वीडियो सामने आया था जिसमें नसीरुद्दीन ने कहा, ‘‘कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस इंस्पेक्टर की मौत से ज्यादा एक गाय की मौत को अहमियत दी जा रही है। ऐसे माहौल में मुझे अपनी औलाद के बारे में सोचकर फिक्र होती है।’’ (एजेंसी इनपुट के साथ)