पत्नी से जबरन शरीरिक संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में लाएगी मोदी सरकार
शुक्रवार को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा, 'मैरिटल रेप का मुद्दा बहुत जटिल है। इस पर विचार करते वक्त पारिवारिक और सामाजिक ढांचे को भी ध्यान में रखना होगा।'

केंद्र सरकार ने मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में लाने के लिए जल्द ही सख्त कानून बनाने की बात कही है। गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि सरकार लॉ कमीशन की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, ताकि आईपीसी की पुरानी धाराओं को बदला जा सके। शुक्रवार को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा, ‘मैरिटल रेप का मुद्दा बहुत जटिल है। इस पर विचार करते वक्त पारिवारिक और सामाजिक ढांचे को भी ध्यान में रखना होगा। इस पर पार्लियामेंट्री कमेटी और लॉ कमीशन विचार कर रहे हैं। इस कानून को टुकड़ों में बनाना सही नहीं होगा, इसलिए हम पूरी तरह नए कानून पर विचार करेंगे। उम्मीद है लॉ कमीशन की रिपोर्ट हमें जल्दी ही मिल जाएगी।’ आपको बता दें कि महिलाओं के खिलाफ होने वाली क्रूरता से निपटने के लिए अभी आईपीसी का 498-ए कानून मौजूद है।
पीजे कुरियन ने पूछा रिजिजू से सवाल: राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने इस मसले पर रिजिजू से सवा पूछा था। उन्होंने शुक्रवार को कहा, ‘आप यह मानते हैं कि पति का पत्नी से जबरन शरीरिक संबंध बनाना रेप तो फिर आप रिपोर्ट का इंतजार क्यों कर रहे हैं? रेप तो रेप है, फिर वह पति करे या कोई और? रिपोर्ट का इंतजार क्यों? यही तो सवाल है?’ इसके जवाब में रिजिजू ने कहा, ‘6 जुलाई 2010 को तत्कालीन गृह मंत्री ने इस बारे में लॉ कमीशन से कानून की समीक्षा करने को कहा था, लेकिन हमें ध्यान रखाना होगा कि कोई भी कानून बनाने के लिए आईपीसी, सीआरपीसी के साथ ही ‘इंडियन एविडेन्स एक्ट’ में भी बड़े बदलाव करने होंगे। इसलिए हमने सुझाव मांगे हैं।’
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