नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल हुए 19 नए मंत्रियों में से आधों को अभी तक बंगला नहीं मिल सका है। दिल्ली के लुटियंस जोन में बंगले के इंतजार में एमजे अकबर और रामदास अठावले भी हैं। मंत्रियों के लिए बंगले की सिफारिशों से परेशान शहरी विकास मंत्रालय के पास कोई भी खाली टाइप 7 बंगला नहीं है। मंत्रियों को दिए जाने वाले सरकारी आवास का सबसे अच्छे ग्रेड के बंगले टाइप 7 वाले माने जाते हैं। इस तरह के सभी 150 आवास फिलहाल किसी न किसी के कब्जे में है। हालांकि इनमें से दो के जल्द खाली हो जाने की उम्मीद है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को उनके 9 तीन मूर्ति लेन आवास में चिकित्सीय आधार पर एक साल का एक्सटेंशन दिया गया था, वह दो महीने ज्यादा समय बिता चुके हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, जो 1 जंतर मंतर रोड पर रहते हैं, ने अलॉटेड समय से ज्यादा वक्त गुजार लिया है। हालांकि वे घर खाली करने के फैसले के खिलाफ अदालत गए हैं।
5 जुलाई को मोदी सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार में 19 नए मंत्री बनाए गए। इसमें उत्तर प्रदेश से तीन और सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। अठावले अपने कॉमिक सेंस के लिए मशहूर हैं। अठावले ट्रेड यूनियन नेता रहे हैं और संसद तथा संसद के बाहर अपनी धारदार टिप्पणियों और हास्य पैदा करने वाला भाषण देने के लिए लोकप्रिय हैं। वह राजग के सहयोगी दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के अध्यक्ष हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए 65 वर्षीय अकबर भाजपा का स्पष्टवादी और आधुनिक मुस्लिम चेहरा माने जाते हैं। उन्होंने बड़ी चतुराई से हिंदुत्व अतिवाद की आलोचनाओं को मोदी के विकास के एजेंडे के तले दबाया इसलिए बचाव के मौकों पर पार्टी उन पर भरोसा करती है।