केंद्र की मोदी सरकार में शामिल एक मंत्री ने अब अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए अलग से विश्वविद्यालय बनाए जाने की मांग की है। दरअसल केंद्र सरकार में State (MoS) for Social Justice and Empowerment मंत्री रामदास अठावले ने अपनी यह मांग उठाते हुए मानव संसाधन विकास विभाग से अपील भी की है। रामदास अठावले ने मानव संसाधन विकास विभाग के मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को अपील की है कि अनुसूचित जाति के लिए लोगों के लिए अलग से यूनिवर्सिटी बनाई जाए।
ANI से बातचीत करते हुए रामदास अठावलने कहा कि ‘रमेश निशंक हमारे अच्छे मित्र हैं…अभी वो मानव संसाधन विकास विभाग का जिम्मा संभाल रहे हैं। मैंने उन्हें एक मेमोरेन्डम दिया है और मांग करते हुए कहा है कि अनुसूचित जाति के लोगों के लिए एक अलग से विश्वविद्यालय होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ‘मैंने पोखरियाल से आग्रह किया है कि जिस तरह मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए एक विश्वविद्यालय है उसी तर्ज पर एक और विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए।’
रामदास अठावले बताया कि इन्होंने निजी और डिम्ड यूनिवर्सिटी में अनुसूचित जाति के छात्रों को रिजर्ववेशन दिये जाने की मांग भी की है। इस मांग को उठाने के बाद रामदास अठावले ने यह भी कहा कि अलग यूनिवर्सिटी खोलने वाली मांग पर HRD का सकारात्मक जबाव है और विभाग ने उनकी इस मांग को पूरा करने के लिए आश्वासन दिया है। रामदास उठावले, महाराष्ट्र से आने वाले दलित नेता व रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (RPI), के अध्यक्ष भी हैं। इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय एससी-एसटी के कल्याण के लिए चल रहीं कई योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर भी जोर दे चुका है।
यहां आपको बता दें कि साल 2007 में भारत सरकार ने मध्य प्रदेश के अनुपुर जिले के अमरकंटक में Indira Gandhi National Tribal University की स्थापना की थी। उस वक्त के मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था। इस विश्वविद्यालय के पहले वाइस-चांसलर प्रोफेसर चंद्र दियो सिंह बने थे।

