India Migrant Crisis: केंद्र सरकार ने यूपी के औरैया और बांदा में हुए हादसे के बाद राज्यों को निर्देश दिया कि वह रास्तों पर चल रहे मजदूरों को घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ले। साथ ही उन्हें खाना और अस्थायी तौर पर रहने की व्यवस्था मुहैया कराए। इसे देखते हुए कई राज्यों में पुलिस अब पैदल दिखने वाले प्रवासियों को दूसरे राज्य में जाने से रोक रही है। हालांकि, कई जगहों पर व्यवस्था ठीक न होने के कारण मजदूरों ने प्रदर्शन किए हैं। ऐसे ही दो मामले उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश स्थित रीवा बॉर्डर और हरियाणा के यमुनानगर से आए हैं, जहां स्थितियां नियंत्रण से बाहर होने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
रीवा के चाकघाट बॉर्डर पर शनिवार देर रात जब पुलिस ने पैदल चल रहे लोगों को आगे जाने से रोका, तो देखते ही वहां हजारों की भीड़ जुट गई। हालांकि, प्रशासन के पास इतने लोगों के लिए खाने की और रहने की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया। ऐसे समय में लंबा सफर तय कर आए प्रवासी मजदूरों ने पुलिस का विरोध शुरू कर दिया। हाईवे जाम होने के बाद हालात नियंत्रण से बाहर निकलते देख पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा।
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दूसरी तरफ हरियाणा के यमुनानगर में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बॉर्डर पार कर दिल्ली और यूपी की तरफ जाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस के रोकने के बाद मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया। यहां भी मजदूरों को रोकने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं। कई लोग इस दौरान खेतों की तरफ भाग खड़े हुए। इसी भागदौड़ में उनके हाथों से सामान तक छूटकर सड़क पर गिर गया।
फिलहाल हरियाणा सरकार ने मजदूरों को समझा-बुझाकर राज्य में ही रोकने की कोशिश की है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद राज्य के दिल्ली से सटे बॉर्डर भी खोले गए हैं। हालांकि, अभी कोरोना के बढ़ते केस रोकने के लिए आम लोगों को भी सिर्फ ई-पास के जरिए ही आने की अनुमति दी गई है। वह भी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद। लोगों को इसके लिए अपनी जांच का सर्टिफिकेट पास के साथ ही अटैच कराना पड़ेगा। सरकार की बॉर्डर पर इस सख्ती के बीच हरियाणा जाने और आने वाले प्रवासियों की समस्या काफी बढ़ी है।
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