देश में कोरोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन का सबसे बुरा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है। हजारों की संख्या में लोग बिना बेहतर सुविधा वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सवार होकर घर लौटने के लिए मजबूर हैं। इस बीच सफर में ही कई लोगों की मौतों की खबर सामने आ चुकी है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन से आया है, जहां श्रमिक ट्रेन में ही एक 38 वर्षीय व्यक्ति की लाश डिब्बे के टॉयलेट में पाई गई। पुलिस का अनुमान है कि यह शव पिछले कई दिनों से डिब्बे में पड़ा थी। इस दौरान ट्रेन ने एक पूरी राउंड ट्रिप पूरी की। आखिरकार झांसी में सैनिटाइजेशन कर रहे कर्मचारियों को टॉयलेट में शव का पता चला।
पुलिस ने शव की पहचान कर ली है। यह यूपी के बस्ती जिले के एक युवक का है। बताया गया है कि शख्स मुंबई में दिहाड़ी मजदूर का काम करता था और लाखों अन्य प्रवासियों की तरह लॉकडाउन के बाद बेरोजगार हो गया था।
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जानकारी के मुताबिक, जिस शख्स का शव टॉयलेट से मिला है, वह मुंबई से बमुश्किल टिकट हासिल कर 23 मई को झांसी पहुंचा था। यहां से उसके साथ कई अन्य प्रवासियों को एक गोरखपुर (बस्ती से करीब 70 किमी दूर) जाने वाली ट्रेन में बिठा दिया गया। अभी यह साफ नहीं है कि यह ट्रेन गोरखपुर तक ही गई थी या आगे बिहार से प्रवासियों को लेकर झांसी लौटी। हालांकि, इस हफ्ते बुधवार को झांसी लौटने के बाद रेलवे ने ट्रेन के कोचों के सैनिटाइजेशन का काम करवाया। इस दौरान टॉयलेट में शव के मिलने से अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया।
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इस बीच झांसी पुलिस ने मृतक के शव को लेने के लिए एक रिश्तेदार को बुला लिया। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम और कोरोनावायरस टेस्ट के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। बताया गया है कि मृतक के पास से 28 हजार रुपए, एक साबुन की बट्टी और कुछ किताबें मिली हैं।